राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

गाजा में इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में डोनाल्ड ट्रंप का एक नया प्रयास

वशिंगटन

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा में इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में एक नया प्रयास शुरू किया है। ट्रंप प्रशासन गाजा में शांति स्थापित करने के लिए मध्यस्थता की भूमिका निभा रहा है, और अगले सप्ताह तक इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम (सीजफायर) की घोषणा हो सकती है। खुद ट्रंप ने शुक्रवार को गाजा में चल रहे संघर्ष में जल्द ही युद्धविराम की संभावना जताई है। उन्होंने कहा कि इजरायल और ईरान सर्थित हमास के बीच एक समझौता अगले एक सप्ताह में संभव है। यह बयान उन्होंने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान दिया, जहां वह कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और रवांडा के विदेश मंत्रियों की मेजबानी कर रहे थे। ट्रंप ने कहा कि वह चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के प्रयासों में शामिल व्यक्तियों के संपर्क में हैं।

ट्रंप ने कहा, "मैंने कुछ शामिल लोगों से बात की है। गाजा में स्थिति बहुत भयावह है। हमें लगता है कि अगले सप्ताह के भीतर हम युद्धविराम हासिल कर लेंगे।" उन्होंने यह नहीं बताया कि इस मुद्दे पर किससे बात हुई है लेकिन हाल के दिनों में ट्रंप ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ लगभग दैनिक संपर्क बनाए रखा। यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में इजरायल और ईरान के बीच 12 दिन के युद्ध के बाद अमेरिका द्वारा मध्यस्थता में युद्धविराम लागू हुआ है। इस युद्धविराम ने क्षेत्र में शांति की संभावनाओं को बढ़ा दिया है, और अब ध्यान गाजा में चल रहे संघर्ष पर केंद्रित हो रहा है। ट्रंप न केवल संघर्ष में अस्थायी रोक के लिए बल्कि इजरायल और हमास के बीच एक स्थायी समझौते के लिए भी जोर दे रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि इस तरह के समझौते से इजरायल-फिलिस्तीनी शांति वार्ता के लिए नए सिरे से रास्ता खुल सकता है।

क्या है पूरा मामला?

गाजा में संघर्ष की शुरुआत 7 अक्टूबर 2023 को हमास के इजरायल पर हमले से हुई थी, जिसमें 1,200 लोग मारे गए थे और 251 लोगों को बंधक बनाया गया था। इसके बाद इजरायल ने गाजा में बड़े पैमाने पर सैन्य कार्रवाई शुरू की, जिसके परिणामस्वरूप व्यापक विनाश और मानवीय संकट पैदा हुआ। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस संघर्ष में अब तक 56,300 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें से आधे से अधिक महिलाएं और बच्चे हैं।

पिछला युद्धविराम पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल के अंतिम दिनों में हुआ था, वह मार्च में समाप्त हो गया था, जब इजरायल ने हमास पर नए हमले शुरू किए। इसके बाद से गाजा में भोजन और अन्य आवश्यक आपूर्तियों की आपूर्ति पर रोक लगी, जिससे वहां अकाल का खतरा मंडरा रहा है। हाल के हफ्तों में, गाजा मानवीय फाउंडेशन (जीएचएफ) के माध्यम से सीमित सहायता की अनुमति दी गई है, जिसे अमेरिका और इजरायल का समर्थन प्राप्त है। हालांकि, सहायता वितरण स्थलों के पास इजरायली सेना द्वारा गोलीबारी की घटनाएं विवाद का कारण बनी हैं।

मध्यस्थता और नई उम्मीद

ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने पिछले महीने 60 दिन के युद्धविराम का प्रस्ताव रखा था, जिसमें हमास द्वारा 10 जीवित बंधकों और 18 मृत बंधकों के शवों को रिहा करने की बात शामिल थी। हालांकि, यह प्रस्ताव अभी तक लागू नहीं हो सका है। मिस्र और कतर जैसे देशों द्वारा मध्यस्थता के प्रयासों को फिर से शुरू किया गया है, और सूत्रों के अनुसार, मिस्र एक नया युद्धविराम प्रस्ताव तैयार कर रहा है जो अगले दो हफ्तों में लागू हो सकता है।

फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने भी ट्रंप की इस पहल का समर्थन किया है। ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के नेताओं की बैठक के बाद उन्होंने कहा कि ट्रंप गाजा में युद्धविराम के लिए "बहुत दृढ़" हैं। इसके अलावा, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर भी अपने देश के अंदर और बाहर से दबाव बढ़ रहा है कि वह इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए कदम उठाएं।

व्यापक शांति की दिशा में प्रयास

ट्रंप प्रशासन न केवल गाजा में युद्धविराम पर ध्यान दे रहा है, बल्कि क्षेत्रीय शांति के लिए व्यापक योजना पर भी काम कर रहा है। इजरायल हायोम की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप और नेतन्याहू ने गाजा में युद्ध को दो सप्ताह के भीतर समाप्त करने और अब्राहम समझौते का विस्तार करने की योजना पर सहमति जताई है, जिसमें सीरिया, सऊदी अरब और अन्य मुस्लिम देशों को शामिल करने की बात है। इस योजना में मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात सहित चार अरब देशों द्वारा गाजा के प्रशासन को संभालने और हमास को हटाने का प्रस्ताव है।

हालांकि, इस दिशा में कई चुनौतियां बनी हुई हैं। हमास ने स्पष्ट किया है कि वह अपने हथियार नहीं छोड़ेगा, जबकि इजरायल का कहना है कि युद्ध तभी समाप्त होगा जब हमास को पूरी तरह नष्ट कर दिया जाएगा। इसके अलावा, सहायता वितरण स्थलों पर गोलीबारी की घटनाओं ने मानवीय स्थिति को और जटिल कर दिया है। इजरायली अखबार हारेत्ज ने सैनिकों के हवाले से दावा किया है कि उनके कमांडरों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गोली चलाने के आदेश दिए थे, जिसे नेतन्याहू ने "रक्तपात का आरोप" करार देते हुए खारिज किया।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button