
रायपुर-21 जुलाई को पंडरिया विधायक भावना बोहरा और उनके साथ 300 से अधिक कांवड़ियों ने माँ नर्मदा मंदिर अमरकंटक से भोरमदेव मंदिर तक 151 किलोमीटर की यात्रा शुरू की जो 27 जुलाई को भोरमदेव मंदिर में भगवान भोलेनाथ जी की पूजा-अर्चना और जलाभिषेक के साथ पूर्ण हुई। छत्तीसगढ़ वासियों की सुख-समृद्धि एवं प्रदेश की खुशहाली की कामना हेतु यह कांवड़ यात्रा पंडरिया विधायक भावना बोहरा के नेतृत्व में शुरू की गई और 7 दिनों में घने जंगलों, पर्वतों, बीहड़ रास्तों, उफनती नदियों और घनघोर बारिश को पार करते हुए डोंगरिया महादेव एवं भोरमदेव मंदिर में शिवजी के जलाभिषेक के साथ पूरी हुई। सभी अवरोधों को पंडरिया विधायक भावना बोहरा और उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे कांवड़ियों ने पार किया और मन में एक पवित्र संकल्प एवं भगवान भोलेनाथ के प्रति अपार आस्था के साथ निकली इस यात्रा में हर दिन एक नई उर्जा,उल्लास एवं उत्साह दिखाई दिया।
यात्रा के अंतिम दिन पंडरिया विधायक भावना बोहरा और कांवड़ यात्रियों ने सुबह 7 बजे बोड़ला से अपनी यात्रा प्रारंभ की और दोपहर 12 बजे भोरमदेव मंदिर पहुंची। इस दौरान बोड़ला, में हजारों की संख्या में शिवभक्तों, सामाजिक व हिन्दू संगठनों, भाजपा के पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं और क्षेत्रवासियों ने पुष्पवर्षा करके उनका भव्य स्वागत किया। हर हर महादेव और बोल बम के नारों के साथ पूरा कवर्धा शिवभक्ति में लीन और भगवामय हो गया।
इस दौरान भोरमदेव मंदिर में लगभग 5000 से अधिक शिवभक्तों ने मंदिर आगमन पर उनका भव्य स्वागत किया ढोल-बाजो और भक्तिमय गीतों, पुष्पवर्षा से भावना बोहरा और उनके साथ पधारे कांवड़ यात्रियों का सभी ने अभिनंदन किया। यह पहला अवसर होगा जब भोरमदेव मंदिर में श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ पहुंची जहाँ लोगों ने खुले दिल से भावना बोहरा और उनके साथ कदम मिलाकर चलने वाले कांवड़ियों की अमरकंटक से भोरमदेव तक कांवड़ यात्रा की प्रशंसा की।
यह कांवड़ यात्रा माँ नर्मदा मंदिर अमरकंटक से प्रारम्भ होकर लम्हनी, वन ग्राम महामाई, खुड़िया,गौरकांपा, पंडरिया, मोहतरा, पांडातराई, डोंगरिया महादेव,बोड़ला होते हुए भोरमदेव मंदिर में पूर्ण हुई। इस दौरान भोरमदेव मंदिर में भंडारा एवं महाप्रसादी वितरण का भी आयोजन किया गया जिसमें 5000 से अधिक शिवभक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर विधायक भावना बोहरा ने भी भोरमदेव मंदिर में दर्शन करने हेतु पधारे श्रद्धालुओं और कांवड़ यात्रियों का अभिनंदन किया और प्रसाद वितरण किया।
इस अवसर पर भावना बोहरा ने कहा कि यह यह क्षण और मेरे लिए गौरव और भावनाओं से भरा है जो मुझे आजीवन स्मरणीय रहेगा। भगवान भोलेनाथ और माँ नर्मदा के आशीर्वाद से और कबीरधाम जिला के शिवभक्तों, कांवड़ यात्रियों के अपार स्नेह,अपनत्व और सहयोग से यह यात्रा आज पूर्ण हुई है जिसके लिए मैं सभी का हृदय से आभार व्यक्त करती हूँ। विशेष रूप से मैं प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं विधानसभा अध्यक्ष माननीय डॉ.रमन सिंह जी का भी आभार व्यक्त करती हूँ जिन्होंने यात्रा के दौरान फोन पर बातचीत करके हम सभी का हौसला बढ़ाया और मंगलमय यात्रा के लिए शुभकामनाएं दी।
यह मेरे लिए परम गौरव का क्षण है, छत्तीसगढ़ वासियों की सुख-शांति और प्रदेश की समृद्धि हेतु जो संकल्प एवं कामना लेकर 21 जुलाई से हमने यह यात्रा प्रारंभ की और लगभग 300 से अधिक कांवड़ यात्रियों ने पुण्य यात्रा में मेरे साथ हर कदम पर अपनी सहभागिता निभाई उसके प्रति मैं सभी का आभार व्यक्त करती हूँ।
इसके साथ ही कबीरधाम जिले के आप सभी मेरे परिवारजनों, सभी सामाजिक व हिन्दू संगठन के सदस्यों, भाजपा के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं, युवा एवं महिला मोर्चा, तथा क्षेत्रवासियों द्वारा अपनत्व,स्नेह एवं भव्य और आत्मीय स्वागत ने प्रतिदिन हमारी इस यात्रा को नई उर्जा प्रदान की। इस दौरान घने जंगलों, पर्वतों, बीहड़ रास्तों, उफनती नदियाँ और घनघोर बारिशों का सामना करने के लिए भगवान भोलेनाथ और माँ नर्मदा की भक्ति से हमें निरंतर शक्ति मिली।
इस यात्रा से हमें एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण सीख मिली कि सच्ची श्रद्धा और दृढ़ संकल्प के साथ कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं। श्रावण मास आस्था, अनुशासन और सेवा का अद्वितीय संगम है जहां हर भक्त महादेव के प्रति आस्थावान होकर भगवान भोलेनाथ की भक्ति में लीन रहते हैं तो वहीं कांवड़ यात्रा एक ऐसी परंपरा है, जो भक्ति, समर्पण और सामाजिक एकता का अनूठा संगम है। यह न केवल भगवान शिव के प्रति हमारी निष्ठा को दर्शाती है, बल्कि हमें मानवता, पर्यावरण संरक्षण और आत्म-शुद्धि के मूल्यों से भी जोड़ती है।




