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पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ को हाई कोर्ट की इंदौर बेंच से बड़ी राहत मिली

इंदौर
 मध्य प्रदेश के चर्चित हनी ट्रैप मामले की सीडी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ को हाई कोर्ट की इंदौर बेंच से बड़ी राहत मिली है। उनके खिलाफ दायर जनहित याचिका गुरुवार को कोर्ट ने खारिज कर दी। एडवोकेट भूपेंद्रसिंह कुशवाह द्वारा दायर याचिका में कहा गया था कि नाथ ने खुद एक साक्षात्कार में कहा था कि उनके पास हनी ट्रैप मामले की सीडी है।

मांग की गई थी कि नाथ को आदेश दिया जाए कि वे सीडी एसआईटी को उपलब्ध कराएं। याचिका निरस्त करते हुए कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के आधार पर याचिका दायर की है। किसी राजनेता के राजनीतिक बयान को गंभीरता से नहीं लिया जा सकता।

प्रतिपरीक्षण का अवसर दिए बगैर प्रकरण में फैसला लेने के मामले में मप्र हाई कोर्ट ने सीजीएसटी को फटकार लगाई है। कोर्ट ने सीजीएसटी को आदेश दिया कि वह प्रकरण की दोबारा सुनवाई करे और प्रतिपरीक्षण का अवसर दे।

एडवोकेट पीयुष पाराशर ने बताया कि पेपर ट्रेड लिंक के खिलाफ वर्ष 2023 में सीजीएसटी ने एक आदेश पारित किया था। इसमें सीजीएसटी और एसजीएसटी के 3.78 करोड़ रुपये की रिकवरी कंपनी पर निकाली गई थी। प्रकरण की सुनवाई के दौरान गवाहों के प्रतिपरीक्षण का अवसर नहीं दिया गया था।

कंपनी ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका

कंपनी ने यह बात बार-बार उठाई, लेकिन हर बार यह कहकर इसे खारिज कर दिया गया कि इससे केस के निराकरण में समय लगेगा। इस पर कंपनी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। कंपनी ने कोर्ट को बताया कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के अनुसार उन्हें गवाहों के प्रतिपरीक्षण का अवसर दिया जाना था, जो नहीं मिला।

कोर्ट ने सभी पक्षकारों के तर्क सुनने के बाद कहा कि अपीलकर्ता को बहस और गवाहों के प्रतिपरीक्षण का अवसर दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने जनवरी 2023 में जारी आदेश को रद करते हुए कहा कि केस में दोबारा सुनवाई करें।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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