राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

निमिषा को फिर फांसी का खतरा, तलाल के भाई ने कहा- माफ़ी नहीं, इंसाफ़ चाहिए

नई दिल्ली
यमन में सजा-ए-मौत का सामना कर रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के लिए राहत का वक्त कुछ घंटे ही रहा। अब तलाल आबदो मेहदी के परिवार ने फिर से साफ कर दिया है कि वे ब्लड मनी स्वीकार नहीं करेंगे। तलाल आबदो मेहदी पर आरोप है कि उसने निमिषा प्रिया का उत्पीड़न किया था और उसका पासपोर्ट रख लिया था। उसे हासिल करने के लिए ही निमिषा ने उसे ड्रग्स दिया था और उसकी ओवरडोज से वह मर गया था। इस मामले में निमिषा प्रिया को सजा-ए-मौत सुनाई गई है। उन्हें आज यानी 16 जुलाई के दिन सजा मिलनी थी, लेकिन केरल के ग्रैंड मुफ्ती अबू बकर मुसलियार के दखल से इसे टाल दिया गया था।

कहा गया कि निमिषा प्रिया के वकील और परिजनों को वक्त दिया जाएगा कि वे तलाल के परिवार को ब्लड मनी के लिए राजी कर लें। लेकिन ऐसा होता मुश्किल दिख रहा है। तलाल के भाई का कहना है कि वे ब्लड मनी स्वीकार नहीं करेंगे। तलाल के भाई अब्देलफतेह मेहदी ने कहा कि हमारे परिवार ने समझौते के सभी ऑफर खारिज कर दिए हैं। हम चाहते हैं कि भाई की कातिल को सजा-ए-मौत ही मिले। माफी के सवाल पर अब्देलफतेह मेहदी ने कहा कि यह बेहद गंभीर अपराध है और इसमें कोई माफी नहीं दी जा सकती। हम इस मामले में 'दीयत' यानी ब्लड मनी स्वीकार नहीं करेंगे।

ब्लड मनी पर डील के लिए टाली गई है सजा, पर बढ़ गई मुसीबत
यमन के कानून के अनुसार यदि मारे गए शख्स का परिवार आरोपी से मुआवजे के बदले माफी दे तो सजा खत्म की जा सकती है। अब्देलफतेह ने फेसबुक पर लिखी लंबी पोस्ट में कहा, 'आज क्या हो रहा है। मध्यस्थता और समझौते की बातें हो रही हैं। यह कोई नई बात नहीं है ना ही सरप्राइज वाली चीज है। इस साल फिर से कई बार समझौते की कोशिशें हुई हैं और ये नई नहीं हैं। हम पर काफी दबाव डाला गया है, लेकिन हमारी मांग में कोई बदलाव नहीं है। हम भी यही चाहते हैं कि उसे सजा-ए-मौत हो। फिलहाल सजा को टाल दिया गया है और हम इससे हैरान हैं। मध्यस्थता करने वाले समझ लें कि हम किसी भी तरह से समझौते के लिए तैयार नहीं हैं और ब्लड मनी स्वीकार नहीं है।'

तलाल का भाई बोला- खून का कोई सौदा नहीं होता
यही नहीं बेहद सख्त लहजे में तलाल आबदो मेहदी के भाई ने ब्लड मनी को खारिज कर दिया। अब्देलफतेह मेहदी ने लिखा, 'खून को खरीदा नहीं जा सकता। सजा को टाले जाने से हम नहीं रुकेंगे। किसी भी तरह के दबाव के आगे हम नहीं झुकेंगे। न्याय को भुलाया नहीं जा सकता। न्याय होगा और भले ही उसमें देर लगे। यह सिर्फ कुछ समय की बात है और अल्लाह हमारे साथ है।' बता दें कि सोमवार को भी अब्देलफतेह ने यही बात बीबीसी की अरबी सेवा से बातचीत के दौरान कही थी। उनका कहना है कि हम सिर्फ निमिषा की सजा-ए-मौत चाहते हैं।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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