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भोपाल शहर में संचालित होने वाले सशुल्क सार्वजनिक शौचालय का शुल्क हुआ महंगा, जाने अब कितना …….

भोपाल
 शहर में संचालित होने वाले सशुल्क सार्वजनिक शौचालय का शुल्क महंगा हो गया है। अब यहां जाने पर नागरिकों को छह के बजाए 10 रुपये देने होंगे। इसकी मंजूरी  महापौर मालती राय की अध्यक्षता वाली मेयर इन काउंसिल ने दे दी है। बैठक में इसके अलावा बरकतउल्ला विश्वविद्यालय परिसर सहित नीलबड़, संजीव नगर, मालीखेड़ी और प्रेमपुरा पर 25 करोड़ आठ लाख रुपये की लागत से नए विसर्जन घाट विकसित किए जाएंगे।

कलियासोत डैम से जुड़े नालों की टेपिंग होगी

परम्परागत पुराने विसर्जन घाटों पर एनजीटी की रोक के बाद नगर निगम ने यह जगह चिन्हित की हैं । वहीं बड़ा तालाब और कलियासोत डैम से जुड़े नालों की टेपिंग होगी। आइएसबीटी स्थित महापौर कार्यालय में मेयर इन कौंसिल की बैठक आयोजित की गई। एमआइसी के सामने करीब 15 प्रस्ताव रखे गए। सभी प्रस्तावों पर मेंबरों ने चर्चा कर पास कर दिए।

यह प्रोजेक्ट एक मई 2025 को पूरा करना था

ज्यादातर एचएफए के अधूरे प्रोजेक्ट के प्रस्ताव लाए गए। इनमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्राम समरधा में आवासीय सह व्यवसायिक काम्पलेक्स के बैलेंस वर्क को पूरा करने के लिए 14 करोड़ 11 लाख के टेंडर बुलाने की मंजूरी दी गई। जबकि कलखेड़ा प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए मेसर्स एस्कान इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड को 31 दिसंबर तक का एक्सटेंशन दिया गया है। फर्म को यह प्रोजेक्ट एक मई 2025 को पूरा करना था।

नॉन स्लम EWS के लिए 26 आवंटियों को मंजूरी

वहीं भौंरी, कलखेड़ा, बागमुगालिया फेस-एक, हिनोतिया आलम और रासलाखेड़ी प्रोजेक्ट में नॉन स्लम EWS के लिए 26 आवंटियों को मंजूरी दी गई। आलम नगर प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए मेसर्स सांई कंस्ट्रक्शन को 15 दिसंबर तक का एक्सटेंशन। यह प्रोजेक्ट 16 जून 2025 को पूरा होना था। इसी तरह रासलाखेड़ी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए मेसर्स पैराडाइज को 31 दिसंबर तक का एक्सटेंशन। यह प्रोजेक्ट 14 अप्रैल 2025 को पूरा होना था।

बड़ा तालाब और कलियासोत डेम का होगा उद्धार

अमृत 2.0 में कलियासोत नदी के रिज्युवेशन कार्य के लिए 36.68 करोड़ के टेंडर बुलाने की मंजूरी दी गई । इसी तरह अमृत 2.0 में बड़ा तालाब के रिज्युवनेशन कार्य के लिए 14.91 करोड़ के टेंडर बुलाने की मंजूरी दी। नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक कलियासोत डेम में गर्मी के मौसम में पानी खत्म हो जाता है। इसमें पानी स्टोर रहे, इसके लिए स्टाप डेम बनाए जाएंगे। वहीं स्पॉट डेम में शुद्ध पानी रहे, इसके लिए आसपास बाउंड्री बनेगी। इसी तरह बड़ा तालाब में मिल रहे नालों की टेपिंग होगी। नालों के गंदी पानी को एसटीपी की तरफ मोड़ा जाएगा।

अमृत मित्र को मिला एक्सटेंशन

अमृत 2.0 में अमृत मित्र बनाए गए हैं। इसमें दो स्व सहायता समूह काम करते हैं, जो घर-घर जाकर पानी सेम्पल लेकर टेस्टिंग लैब में देते हैं । इन्हें हर सैम्पल के हिसाब से भुगतान किया जाता है। अमृत मित्र का टेंडर 18 जून को खत्म हो गया है । इसलिए एमआइसी में एक साल एक्सटेंशन की फाइल रखी गई। हालांकि मेंबरों ने इसे तीने महीने करने को ही कहा है।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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