राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

भारतीय कपड़ा उद्योग में जापानी निवेश की संभावना बढ़ी, AEPC ने जताया भरोसा

नई दिल्ली 
एईपीसी ने कहा कि कपड़ा उद्योग में भारत और जापान की कंपनियों के बीच सहयोग बढ़ाने के व्यापक अवसर मौजूद हैं। परिधान क्षेत्र में व्यापार के अवसरों का पता लगाने के लिए दोनों देशों की कंपनियों के बीच कई बैठकें हुईं। भारतीय उद्योग जापानी गुणवत्ता मानदंडों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। कपड़ा उद्योग में भारत और जापान की कंपनियों के बीच सहयोग बढ़ाने का सुनहरा अवसर मौजूद हैं। टोक्यो की कंपनियां भारत में निवेश करने की इच्छुक हैं। परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) ने बुधवार को यह बात कही। 
 
दोनों देशों के बीच हुई बैठक
एईपीसी के अध्यक्ष सुधीर सेखरी ने कहा कि परिधान क्षेत्र में व्यापार के अवसरों का पता लगाने के लिए दोनों देशों की कंपनियों के बीच कई बैठकें हुईं। टोक्यो में इंडिया टेक्स ट्रेंड फेयर (आईटीटीएफ) में कई घरेलू कंपनियां भाग ले रही हैं।

जापानी गुणवक्ता मानदंडों को पूरा करने के लिए भारत प्रतिबद्ध
उन्होंने कहा कि हमने जापान से सोर्सिंग बढ़ाने और भारत में अधिक निवेश करने को कहा है। यूनिक्लो, एडास्ट्रिया, टोरे, इटोकिन कंपनी, ब्रोक जापान, डाइसो, वाईकेके और पेगासस जैसे प्रमुख ब्रांडों के साथ हमारी सफल बैठकें हुई हैं। भारतीय उद्योग जापानी गुणवत्ता मानदंडों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। सेखरी ने कहा कि हम अपने सभी जापानी साझेदारों को भारतीय प्रदर्शकों के साथ जुड़ने, सहयोगात्मक संभावनाओं का पता लगाने, पसंदीदा सोर्सिंग गंतव्य के रूप में भारत की ताकत और विश्वसनीयता का प्रत्यक्ष अनुभव करने के लिए आमंत्रित करते हैं।

वस्त्र मंत्री ने किया मेले का उद्धघाटन
इस मेले का उद्घाटन वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने टोक्यो में किया। यह एक प्रमुख वस्त्र कार्यक्रम है। इसका आयोजन भारतीय दूतावास, वस्त्र मंत्रालय, एईपीसी और जापान-भारत उद्योग संवर्धन संघ (जेआईआईपीए) के सहयोग से किया जाता है।

भारत के पास मजबूत आधार मौजूद
सरकार घरेलू वस्त्र विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है, जैसे सात पीएम मित्र पार्क। परिषद ने कहा शुल्क मुक्त व्यापार, मजबूत स्थायित्व संबंधी साख और लचीला विनिर्माण क्षेत्र इसके लिए मजबूत आधार हैं।

जापानी परिधान बाजार में अमेरिका का बड़ा हिस्सा
 हालांकि, गुणवत्ता मानकों (विशेष रूप से एमएमएफ में) को प्राप्त करना, व्यापार प्रक्रियाओं को सरल बनाना, और जापानी अनुपालन मानदंडों का पालन करना। साथ ही अमेरिका के 35 अरब डॉलर के जापानी परिधान बाजार में अधिक हिस्सेदारी हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण है। 2024 में जापान को भारत का परिधान निर्यात 234.5 मिलियन डॉलर का था। पिछले साल टोक्यो ने लगभग 23 अरब डॉलर मूल्य के इन सामानों का आयात किया था। इसमें भारत की हिस्सेदारी केवल एक प्रतिशत है। 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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