स्वास्थ्य

WHO की HIV की नई दवा को मंजूरी…साल में 2 बार लगाने की जरूरत, एक मील की पत्थर की तरह साबित …….

नई दिल्ली

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ह्यूमन इम्युनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम (HIV) की रोकथाम के लिए लेनाकापाविर (Lenacapavir) के इस्तेमाल को मंदूरी दे दी है. यह दवा HIV की रोकथाम की दिशा में एक मील की पत्थर की तरह साबित हो सकती है. यह दवा उन लोगों के लिए खासतौर पर जीवनरक्षक है जिन्हें HIV एक्सपोजर का रिस्क ज्यादा होता है, यानी सेक्स वर्कर या ऐसे लोग एचआईवी मरीजों के इलाज या देखरेख के काम से जुड़े हैं. WHO ने वैश्विक एचआईवी रोकथाम के प्रयासों को मजबूत करने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए और इस दौरान उन्होंने लॉन्ग टर्म सुरक्षा देने वाली इस एंटीरेट्रोवायरल दवाई को मंजूरी दी.

लेनाकापाविर को मंजूरी घोषणा 14 जुलाई को पूर्व अफ्रीकी देश रवांडा की राजधानी किगाली में आयोजित 13वें अंतर्राष्ट्रीय एड्स सोसाइटी सम्मेलन में की गई.

अमेरिका पहले ही दे चुका है मंजूरी

हालांकि अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने लेनाकापाविर को पहले ही मंजूरी दे दी थी. एचआईवी की रोकथाम के लिए ये इंजेक्शन साल में दो बार प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PrEP) उपचार की स्थिति में दिया जाता है. इस इंजेक्शन को 2022 में एचआईवी के इलाज के लिए मंजूरी मिली थी. यह ट्रायल के दौरान एचआईवी संक्रमण से बचाने में असरदार साबित हुआ है.

Theweek.in की रिपोर्ट के अनुसार, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक Tedros Adhanom Ghebreyesus ने कहा कि हालांकि एचआईवी का टीका अभी तक नहीं बन पाया है लेकिन यह नई दवा, जिसे साल में केवल दो बार बस लेने की जरूरत होती है, अभी की सबसे अच्छी नई दवा है.

बढ़ता बोझ, घटती सुरक्षा

यह कदम दुनिया भर में एचआईवी रोकथाम के वित्तपोषण में आ रही कमी के कारण उठाया गया है.  केवल 2024 में ही लगभग 13 लाख लोग एचआईवी से संक्रमित हुए. इनमें से ज्यादातर लोग सेक्स वर्कर, पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाने वाले पुरुष, ट्रांसजेंडर, नशीली दवाओं का इंजेक्शन लगाने वाले लोग, जेल में बंद लोग और बच्चे व किशोर थे.

लेनाकापाविर क्या है?
लेनाकापाविर (LEN) अमेरिकी दवा को कंपनी गिलियड साइंसेज ने बनाया है. यह Capsid Inhibitor नामक दवाओं के एक नए समूह से संबंधित है जो HIV Replication Cycle के कई चरणों को बाधित करके एचआईवी से सुरक्षा देने का काम करता है. LEN पहला PrEP इंजेक्शन है जिसे साल में केवल दो बार दिया जा सकता है. 

लंबे समय तक मानव शरीर में असरदार रहने वाला यह इंजेक्शन गोलियों और बाकी ट्रीटमेंट्स की तुलना में ज्यादा शक्तिशाली है इसलिए यह उन लोगों के लिए काफी मददगार है जिन्हें एचआईवी संक्रमण होने का खतरा ज्यादा होता है.

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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