जिलेवार ख़बरेंबिलासपुर

बिलासपुर में 155 हिंदू छात्रों को जबरन नमाज पढ़ाने का मामला, मुस्लिम धर्म अपनाने ब्रेन वॉश किया

 बिलासपुर

छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में एक एनएसएस (राष्ट्रीय सेवा योजना) कैंप के दौरान हिंदू छात्रों को जबरन नमाज़ पढ़वाने का मामला सामने आया है। छात्रों ने इस संबंध में कोनी थाना में शिकायत दर्ज कराई है। यह कैंप 26 मार्च से 1 अप्रैल 2025 तक आयोजित किया गया था, जिसमें विश्वविद्यालय के कुल 159 छात्र शामिल हुए थे।

ईद के दिन नमाज पढ़वाने का आरोप

छात्रों का कहना है कि 30 मार्च को ईद के दिन कैंप में सभी छात्रों को एकत्र कर नमाज अदा करने के लिए मजबूर किया गया। छात्रों का आरोप है कि NSS कोऑर्डिनेटर और प्रोग्राम ऑफिसर ने इसे धार्मिक सद्भावना का प्रतीक बताते हुए अनिवार्य उपस्थिति दर्ज करवाई। कैंप (Bilaspur NSS Camp) में शामिल 159 छात्रों में केवल 4 मुस्लिम छात्र थे, जबकि बाकी सभी छात्र हिंदू समुदाय से थे।

कोटा ब्लॉक के शिवतराई में लगा था कैंप

छात्रों ने बताया कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी में राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) इकाई की ओर से कोटा ब्लॉक के वनांचल क्षेत्र शिवतराई में 26 मार्च से 1 अप्रैल तक कैंप लगा था, वहीं नमाज पढ़वाया गया है।

छात्रों का आरोप- योगा क्लास में नमाज पढ़ने मजबूर किया

छात्रों ने अपनी शिकायत में बताया है कि जब एनएसएस कैंप में रोज सुबह योगा क्लास लगाया जाता था, तब वहां हिंदू छात्रों को नमाज पढ़ने के लिए मजबूर किया जाता था। छात्रों ने नमाज पढ़ने का विरोध भी किया। लेकिन, प्रोग्राम ऑफिसर और कोआर्डिनेटर उन्हें डराते-धमकाते रहे और अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के साथ ही सर्टिफिकेट नहीं देने की चेतावनी देते रहे।

छात्रों ने बताया कि बाकी दिनों की तरह एनएसएस कैंप में सुबह 6:15 से 7:00 बजे योग करने छात्र एकत्रित हुए, जिसमें कुल 159 छात्र कैंप में थे। इसमें 4 छात्र मुस्लिम थे।

31 मार्च को मुसलमानों का त्योहार ईद उल फितर था अचानक से कोऑर्डिनेटर ने चारों मुस्लिम छात्रों को मंच पर बुलाया और बाकी छात्रों को मुस्लिम छात्रों द्वारा जो मंच पर नमाज अदा करने की प्रक्रिया की गई और उसका जस का तस दोहराने और सीखने का आदेश दिया।

फैक्ट फाइंडिंग कमेटी करेगी जांच

गुरु घासीदास सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी की मीडिया प्रभारी MN त्रिपाठी ने बताया कि यूनिवर्सिटी को इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है। मीडिया से जानकारी मिली है, जिसकी जांच और सच्चाई का पता लगाने के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित की गई है।

तथ्य जुटा रही पुलिस

कोनी थाना टीआई लखेश्वर केंवट ने बताया कि यूनिवर्सिटी के छात्रों ने शिकायत कर NSS कैम्प में नमाज पढ़ाने का आरोप लगाया, जिसकी जांच की जा रही है। मामले में यूनिवर्सिटी प्रबंधन से भी जानकारी लेकर तथ्य जुटाए जा रहे हैं। अपराध घटित होना पाए जाने पर केस दर्ज किया जाएगा।

छात्रों का मोबाइल कराया जमा

छात्रों ने बताया कि एनएसएस कैंप के दौरान उनका मोबाइल जमा करा लिया गया था, ताकि वो इसका वीडियो-फोटो न बना सके। यही वजह है कि उनके पास इस घटना का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। इस दौरान छात्रों को नमाज पढ़ने के तरीके सिखाए गए।

छात्रों के धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन

शिकायत दर्ज कराने वाले छात्रों का कहना है कि यह धार्मिक स्वतंत्रता का सीधा उल्लंघन है। छात्रों का आरोप है कि उन्हें बिना किसी सहमति के धार्मिक गतिविधियों में शामिल किया गया, जो उनकी व्यक्तिगत आस्था के खिलाफ है। छात्रों का यह भी कहना है कि यदि ऐसी स्थिति उल्टी होती, तो भारी हंगामा होता।

मामले को लेकर अब तक विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, जिससे छात्रों और अभिभावकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। छात्रों द्वारा की गई शिकायत को कोनी थाना पुलिस ने स्वीकार कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

क्या कहता है संविधान ?

यह मामला एक बार फिर शिक्षा संस्थानों में धर्म और सेकुलरिज़्म की सीमाओं को लेकर बहस छेड़ रहा है। बता दें, भारतीय संविधान अनुच्छेद 25 के तहत हर नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता प्राप्त है, लेकिन किसी पर धर्म विशेष का पालन थोपना असंवैधानिक है। आने वाले दिनों में यह मामला और भी तूल पकड़ सकता है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button