राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

फिलिस्तीन के समर्थन में 14 देशों की यूनियन, इजरायल पर बढ़ा अंतरराष्ट्रीय दबाव

तेल अवीव

गाजा में हमास से लड़ रहे इजरायल को यूरोपीय देशों से करारा झटका लगता दिख रहा है। ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से फिलिस्तीन को मान्यता दिए जाने वाले बयानों के बीच अब 14 देशों के गुट ने इजरायल के खिलाफ मोर्चा खोला है। एंडोरा, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फिनलैंड, फ्रांस, आइसलैंड, आयरलैंड, लग्जमबर्ग, माल्टा, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, सान मारिनो, स्लोवेनिया और स्पेन ने मोर्चा खोल दिया है। इन देशों की ओर से कहा गया है कि यदि गाजा में इजरायल की ओर से हमले नहीं रोके गए तो फिर फिलिस्तीन को मान्यता देंगे। ऐसा प्रस्ताव सितंबर में होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा में रखा जाएगा।

इन देशों के विदेश मंत्रियों की ओर से साझा बयान जारी किया गया है। इसे फ्रांस के विदेश मंत्री जीन नोएल बैरट ने एकर्स अकाउंट पर शेयर किया है। उन्होंने कहा कि हम इस सूची में शामिल होने के लिए अन्य देशों को भी आमंत्रित कर सकते हैं। इस तरह माना जा रहा है कि इजरायल के खिलाफ एकजुट होने वाले देशों की संख्या आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है।

उन्होंने जो लेटर शेयर किया है। उसमें लिखा गया है, 'हम 7 अक्तूबर, 2023 के हमले की निंदा करते हैं। हमास को तुरंत उन बंधकों को रिहा कर देना चाहिए, जो अब तक उसकी कैद में हैं। इसके साथ ही हम इजरायल और फिलिस्तीन के बीच टू-नेशन सॉलूशन की बात कर रहे हैं। हम मानते हैं कि वेस्ट बैंक और गाजा को मिलाकर एक फिलिस्तीन मुल्क को मान्यता दी जाए। हम समस्त 14 देश इसके लिए सहमत हैं।'

पत्र में इसके आगे लिखा गया, 'गाजा में जिस तरह से फिलिस्तीनी मारे जा रहे हैं और मानवीय संकट पैदा हो गया है। उस स्थिति में संयुक्त राष्ट्र संघ की भूमिका अहम हो जाती है। इसके अलावा मानवाधिकार संस्थाओं का भी दखल जरूरी है।' इन देशों ने लिखा है कि हम चाहते हैं कि इजरायल के साथ तमाम देशों के संबंध बेहतर रहें। लेकिन इसके लिए जंग को रोकना होगा। हम चाहते हैं कि हमास हथियारों का रास्ता छोड़ दे और उसे फिलिस्तीन की सत्ता से बाहर किया जाए। लेकिन उससे पहले किसी समझौते पर पहुंचने के लिए इजरायल भी हमले रोक दे और समझौते पर बात की जाए। ऐसे हालात में गंभीर मानवीय संकट खड़ा हो गया है, जिसे टाला नहीं जा सकता।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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