राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

मध्य प्रदेश के लोग नहीं बना रहे पासपोर्ट, परदेस जाने में सबसे पीछे राज्य

 ग्वालियर

देशभर में पासपोर्ट बनवाने वालों की संख्या में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। केंद्र के विदेश मंत्रालय के एमइए परफॉरमेंस स्मार्ट बोर्ड के मुताबिक 11 वर्ष के भीतर देश भर में 11.88 करोड़ से अधिक पासपोर्ट बनाए गए हैं, इसके साथ 1.31 करोड़ से अधिक पासपोर्ट एब्रोड के लिए भी जारी किए गए हैं। वहीं देश के दिल यानी मध्यप्रदेश के रहवासी शायद इस दौड़ में थोड़े पीछे हैं, मध्यप्रदेश में अब तक 20.99 लाख से अधिक लोगों ने ही पासपोर्ट बनवाए हैं।

वहीं दूसरे राज्यों की अगर बात की जाए तो इस दौड़ में महाराष्ट्र सबसे ऊपर है, यहां 1.34 करोड़ से अधिक, दूसरे पायदान पर उत्तरप्रदेश में 1.14 करोड़ से अधिक और तीसरे पायदान पर तमिलनाडू का है। यहां 1.11 करोड़ से अधिक लोगों ने पासपोर्ट बनवाए हैं। मध्यप्रदेश क्रमवार इस सूची में 11वें पायदान पर है। ऐसे में लगता है कि सूबे के लोगों में दूसरे प्रदेशों की तुलना में पासपोर्ट बनवाने के प्रति रुचि कम है।

इसलिए जरूरी है पासपोर्ट

पासपोर्ट एक महत्वपूर्ण यात्रा दस्तावेज है जो विदेश यात्रा के लिए आवश्यक है। यह न केवल व्यक्ति की पहचान और राष्ट्रीयता का प्रमाण है, बल्कि यह विदेश में प्रवेश और निकास करने, वीजा के लिए आवेदन करने और विदेशी देशों में दूतावास सहायता प्राप्त करने में भी मदद करता है।

सूबे में 6 से बढ़कर 26 पासपोर्ट सेवा केंद्र काम कर रहे

2014 में मध्यप्रदेश में 6 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, जिनकी संख्या अब बढकऱ 26 के पार जा पहुंची है। इसके साथ ही 2024 में पासपोर्ट बनवाने में करीब 16 से 21 दिन का समय लगा करता था। अब ये अवधि कम होकर दिन का ही रह गई है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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