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मानसून आते ही सब्जियों के दाम बढ़े, फूल गोभी और गिलकी 120 रुपये किलो

भोपाल
 मानसून आते ही सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं। हरी सब्जियां बहुत महंगी हो गई हैं। फूल गोभी और गिलकी 120 रुपये प्रति किलो बिक रही हैं। लौकी और पत्ता गोभी 80 रुपये प्रति किलो बिक रही हैं। टमाटर, जो सर्दी और गर्मी में 10 से 20 रुपए प्रति किलो बिकते थे, अब 60 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं। आलू और प्याज ही ऐसे हैं जो 30 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं। कद्दू भी 30 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। बारिश के कारण सब्जियों की आवक कम हो गई है। इसलिए दाम बढ़ गए हैं।

करेला और गिलकी के दाम सुन हैरान हैं लोग
स्कूल टीचर प्रेरणा शर्मा ने बताया कि कुछ दिन पहले बिट्टन हाट में सब कुछ सस्ता था। बैंगन 10 रुपये का ढेर था। टमाटर 20 से 40 रुपये प्रति किलो थे, पर अब 60 रुपये से कम में कुछ नहीं मिल रहा है। करेला और गिलकी 120 रुपये प्रति किलो देखकर वे हैरान रह गईं।

फल खरीदने का मौसम
सरकारी कर्मचारी पंकज दुबे ने हंसते हुए कहा 'मुझे नहीं पता कि लोगों के लिए यह कितना संभव है, लेकिन मैं सुझाव दूंगा कि यह साल का वह समय है जब सब्जियां खरीदने के बजाय फल खरीदना बेहतर है। आपके पास कई तरह के आम, केले, संतरे, जामुन और कुछ और हैं, और वे बहुत महंगे भी नहीं हैं, सिवाय लीची और निश्चित रूप से अनार और सेब के, जो अभी भी सब्जियों से महंगे हैं।

सब्जियों की सप्लाई हुई कम
सब्जी विक्रेता राकेश चौरसिया ने बताया कि सब्जियों की सप्लाई कम हो गई है। थोक बाजार में दाम बढ़ने से खुदरा बाजार में भी दाम बढ़ जाते हैं। बिट्टन मार्केट सब्जी व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष हरिओम खटीक ने कहा कि बारिश में सब्जियों के दाम बढ़ जाते हैं।

बारिश सबसे पहला कारण
उन्होंने कहा कि 'सब्जियों की कीमतें आमतौर पर बारिश के मौसम में बढ़ जाती हैं, लेकिन अगर थोक बाजार में कद्दू 20 रुपये प्रति किलो बिकना शुरू हो जाए, तो हम यह कह सकते हैं कि सब्जियों की कीमतें वास्तव में बढ़ गई हैं। जिन क्षेत्रों से सब्जियां भोपाल लाई जाती हैं, उनमें बारिश की मात्रा उनकी कीमतों को तय करने में एक प्रमुख कारक है।

भोपाल के आसपास नहीं होती सब्जियां
बारिश के मौसम में, भोपाल के आसपास के क्षेत्रों में सब्जियों का उत्पादन नहीं होता है, इसलिए सब्जियों की स्थानीय आवक बहुत कम हो जाती है। हरिओम खटीक ने बताया कि अब, हमारे पास महाराष्ट्र, रतलाम और मंदसौर की ओर मालवा और मैहर से आपूर्ति हो रही है, और इसमें कोई संदेह नहीं है कि सभी सब्जियों की कीमतें अधिक हैं।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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