हर दिन टोल प्लाजा से कितनी कमाई करता है भारत? जानिए सबसे ज्यादा रेवेन्यू कहां से आता है

नई दिल्ली
जब भी आप अपनी गाड़ी से किसी राष्ट्रीय राजमार्ग या एक्सप्रेसवे पर निकलते हैं तो एक चीज का सामना जरूर करते हैं – टोल प्लाजा। यह सिर्फ एक टैक्स नहीं है बल्कि भारत सरकार की कमाई का एक बड़ा जरिया भी बन चुका है। अब सवाल ये उठता है कि देश में कुल कितने टोल प्लाजा हैं और इनसे हर दिन कितनी कमाई होती है? इस सवाल का जवाब जानकर आप चौंक सकते हैं। क्योंकि टोल टैक्स से हर दिन करोड़ों की कमाई हो रही है जो सीधे देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में इस्तेमाल हो रही है।
देश में कितने टोल प्लाजा हैं?
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जून 2025 तक देशभर में कुल 1,087 टोल प्लाजा सक्रिय हैं। ये टोल प्लाजा भारत के विशाल 1.5 लाख किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क का हिस्सा हैं। हालांकि, इन सभी सड़कों पर टोल नहीं लिया जाता। वर्तमान में करीब 45,000 किलोमीटर सड़क नेटवर्क पर टोल वसूली होती है। पिछले कुछ वर्षों में टोल प्लाजा की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है। पिछले 5 सालों में ही 457 नए टोल प्लाजा बनाए गए हैं। यह बढ़ोतरी न सिर्फ नए सड़कों के निर्माण का संकेत देती है बल्कि देशभर में फास्टैग टेक्नोलॉजी के बढ़ते उपयोग का भी परिणाम है।
हर दिन कितनी होती है टोल से कमाई?
अगर आप सोचते हैं कि टोल प्लाजा से मामूली कमाई होती होगी तो आप गलत हैं। लोकसभा में पेश आंकड़ों के अनुसार, देश के 1,087 टोल प्लाजा से हर दिन औसतन 168.24 करोड़ रुपये की कमाई होती है। यह आंकड़ा सालाना आधार पर 61,408.15 करोड़ रुपये तक पहुंच जाता है। इस रकम का उपयोग सड़कों के रखरखाव, नए निर्माण और आधारभूत संरचना को मजबूत करने में किया जाता है।
फास्टैग से बढ़ी टोल की वसूली
फास्टैग सिस्टम लागू होने के बाद से टोल वसूली की प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता दोनों में बड़ा सुधार देखने को मिला है। अब टोल प्लाजा पर डिजिटल पेमेंट के माध्यम से न सिर्फ समय की बचत हो रही है बल्कि टोल चोरी जैसी समस्याओं पर भी प्रभावी तरीके से लगाम लगी है। इसका सीधा असर टोल संग्रह पर पड़ा है। अगर आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2019-20 में टोल वसूली जहां 27,504 करोड़ रुपये थी वहीं वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर 55,882 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। यानी मात्र चार वर्षों में टोल से होने वाली कमाई लगभग दोगुनी हो चुकी है। पिछले पांच वर्षों में कुल टोल वसूली का आंकड़ा 1.93 लाख करोड़ रुपये को पार कर चुका है, जो यह दर्शाता है कि फास्टैग ने किस तरह से देश के टोल सिस्टम को अधिक मजबूत और पारदर्शी बनाया है।
देश के सबसे ज्यादा कमाई करने वाले टोल प्लाजा
हर टोल प्लाजा से होने वाली कमाई समान नहीं होती। देश में कुछ ऐसे मार्ग हैं जहां से भारी संख्या में वाहन गुजरते हैं और इन मार्गों पर स्थित टोल प्लाजा सबसे अधिक कमाई करते हैं। इन रूट्स पर खासतौर से औद्योगिक ट्रैफिक, भारी वाणिज्यिक वाहन और हाई डिमांड यात्रा मार्ग होने के कारण टोल वसूली काफी अधिक होती है। सबसे ज्यादा कमाई करने वाले टोल प्लाजा में गुजरात के वडोदरा-भरूच खंड पर स्थित भरथना टोल प्लाजा पहले स्थान पर है, जिसने वर्ष 2023-24 में अकेले 472.65 करोड़ रुपये की कमाई की। इसके बाद राजस्थान का शाहजहांपुर टोल प्लाजा, पश्चिम बंगाल का जलाधुलागोरी टोल प्लाजा, उत्तर प्रदेश का बड़ाजोर टोल प्लाजा और हरियाणा का घरौंडा टोल प्लाजा क्रमशः दूसरे से पांचवें स्थान पर आते हैं। इन सभी टोल प्लाजा से प्रतिवर्ष सैकड़ों करोड़ रुपये की कमाई होती है जो देश के राजमार्गों के वित्तीय योगदान को दर्शाती है।
टोल टैक्स से कैसे बदल रहा है भारत का रोड नेटवर्क?
टोल वसूली से प्राप्त होने वाली राशि का उपयोग केवल राजस्व जुटाने तक सीमित नहीं है बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य देश के सड़क बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाना है। इस राशि का इस्तेमाल सड़कों के नियमित रखरखाव और मरम्मत, नई सड़कों और एक्सप्रेसवे के निर्माण, सड़क सुरक्षा में सुधार और डिजिटल टोलिंग सिस्टम को बढ़ावा देने जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में किया जाता है। इससे न केवल देशभर में यात्रा अधिक सहज और सुरक्षित हुई है बल्कि फास्टैग जैसी तकनीकों के कारण यात्रियों का कीमती समय भी बच रहा है, जिससे सड़क परिवहन पहले से कहीं अधिक कुशल और तेज़ बन चुका है।