गंगा का बढ़ता जलस्तर बना आफत, पटना की छह ग्राम पंचायतें जलमग्न

पटना
पटना जिले में गंगा और सोन नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि के कारण दानापुर दियारा के निचले हिस्से में बाढ़ का पानी तेजी से फैल गया है। इस बाढ़ ने छह पंचायतों को पूरी तरह अपनी चपेट में ले लिया है। निचले इलाकों के घरों में पानी घुसने से लोग घर छोड़कर शहर की ओर पलायन करने को मजबूर हैं। इन पंचायतों का शहर मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह टूट चुका है और नाव ही अब लोगों की एकमात्र जीवन रेखा बन गई है।
जानकारी के अनुसार, दानापुर दियारा के पानापुर, मानस, पुरानी पानापुर, हेतनपुर, पतलापुर समेत कई गांव बुरी तरह प्रभावित हैं। खेतों में लगी पूरी फसल डूब चुकी है। बाढ़ के पानी के कारण सबसे बड़ी समस्या पीने के शुद्ध पानी, भोजन और मवेशियों के चारे की हो गई है। ग्रामीण डरे-सहमे हालात का सामना कर रहे हैं और सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। कई परिवार दानापुर शहर में बने बाढ़ राहत कैंपों में भी पहुंचने लगे हैं ताकि अपनी और अपने बच्चों की जान बचा सकें।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बाढ़ की इस भयावह स्थिति में भी प्रशासन की ओर से नाव, स्वास्थ्य सुविधा या पशुओं के लिए चारे का कोई ठोस इंतजाम नहीं किया गया है। लोग नाव के सहारे किसी तरह दानापुर पहुंच रहे हैं, लेकिन नाव संचालक एक पशु लाने के लिए 1000 रुपये तक वसूल रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार ने उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया है।
मनेर के पश्चिमी दियारा में रामघाट पुल और तिवारी टोला पुल के पास सड़कें बाढ़ के पानी में डूब गई हैं, जिससे छह पंचायतों का मनेर शहरी क्षेत्र से संपर्क टूट गया है। रामपुर दियारा, भवानी टोला, हुलासी टोला, सुअरमरवा, रामबाद, पतीला, चौरासी, हाथी टोला, मुंजी टोला, हल्दी छपरा, इस्लामगंज, महावीर टोला, छिहत्तर और रतन टोला समेत डेढ़ दर्जन से अधिक गांव बाढ़ से जूझ रहे हैं।
दानापुर अनुमंडल अधिकारी दिव्य शक्ति ने बताया कि गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, लेकिन सरकार राहत कार्य में पूरी तरह मुस्तैद है। बाढ़ पीड़ितों के लिए 42 नाव चलाई जा रही हैं और दानापुर में बलदेव स्कूल समेत दो राहत कैंप संचालित किए जा रहे हैं। साथ ही मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था भी की जा रही है और आगे भी हरसंभव मदद दी जाएगी।