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बिहार में बाढ़ का कहर: 10 लाख लोग प्रभावित, कई जिलों में आज बारिश का अलर्ट

पटना

बिहार में गंगा, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, सोन, पुनपुन समेत कई नदियां उफान पर है। इधर्, मौसम विभाग ने तिरहुत, मिथिला, कोसी, सीमांचल और मगध के जिलों में आज भी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। 13 अगस्त तक पूरे बिहार में बारिश का अलर्ट जारी किया है। वहीं पटना, वैशाली, मुंगेर, बेगूसराय, समस्तीपुर, खगड़िया, भागलपुर के निचले इलाके में घुसने से लोगों का हाल बेहाल है। लोगों को ऊंचे स्थानों पर शरण लेना पड़ा है। इतना ही नहीं बाढ़ के पानी में डूबने से पिछले 24 घंटे में सात लोगों को अपनी जान भी गंवाई पड़ी है। वहीं 10 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए। जिला प्रशासन की टीम बाढ़ पीड़ितों को राहत पैकेज बांट रही है। कई जगह लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्कूल भी बंद कर दी गई है। नीतीश सरकार ने लोगों से अलर्ट रहने की अपील की है।

पटना में इन इलाकों में बाढ़ से लोग परेशान
पटना जिले के मोकामा, बख्तियारपुर, बाढ़, दनियावां, फतुहा, पटना सिटी, मनेर और दानापुर क्षेत्र के निचले इलाके में बाढ़ को लेकर लोग काफी प्रभावित है। लोगों का कहना है कि हमलोग काफी कष्ट और समस्याओं के बीच अपना जीवन यापन कर रहे हैं। हमलोगों की समस्याओं को लेकर जिला या अनुमंडल समेत स्थानीय प्रशासन ने कोई कारगर कदम नहीं उठाए हैं। बाढ़ की समस्याओं को हमलोग अपने जान को जोखिम में डालकर दियारा से मनेर बाढ़ के पानी में घुसकर आने-जाने को विवश हैं। प्रशासन के इस रवैये के कारण लोगों में काफी आक्रोश है। दानापुर दियारा के लोग स्थानीय स्तर पर नाव का इंतजाम कर नाव के सहारे दानापुर शहर पहुंच रहे हैं। बाढ़ पीड़ित काफी संख्या में अपने गांव से शहर की ओर पलायन कर चुके हैं। प्रशासन की ओर से एकाध जगहों पर छोड़कर लगभग कही भी राहत कैंप की इंतजाम न किए जाने को लेकर लगातार लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है। जिसे लेकर नाव से पूर्व सांसद रामकृपाल यादव और पूर्व विधायक श्रीकांत निराला ने मनेर के बाढ़ प्रभावित दियारा इलाके का दौरा कर लोगों के समस्याओं से अवगत हुए। इसके बाद जिलाधिकारी से लेकर अनुमंडल अधिकारी तक इसकी शिकायत करते हुए आबिलंब दियारे के लोगो को सुविधा देने की मांग की।
 
भागलपुर में भी गंगा लाल निशान के ऊपर
भागलपुर में बाढ की स्थिति भयावह है। कहलगाव , नवगछिया, पीरपैंती में गंगा लाल निशान के ऊपर है। जिले का आधा हिस्सा बाढ की चपेट में हैं। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को भागलपुर में गंगा का जलस्तर 34.52 मीटर दर्ज किया गया। जो खतरे के निशान (33.68 से )84 सेमी ऊपर है। टीएमबीयू व इंजीनियरिंग कॉलेज बाढ के पानी से घिर गए हैं। जिला प्रशासन के निर्देश पर अकबरनगर -भागलपुर एनएच-80 मार्ग पर सभी प्रकार के वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दिया पूर्णतः गया। कहलगाव में सैकड़ों एकड़ में लगी मिर्च की फसल नष्ट हो गया है।सबौर प्रखंड स्थित के तीन पंचायतों का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क टूट गया है।बाढ पीड़ितों के लिए सामुदायिक किचेन चलाई जा रही है। नवगछिया के गोपालपुर प्रखंड की पांच पंचायतें बाढ से प्रभावित हैं।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से अब लोगों का पलायन शुरू हो गया
बेगूसराय जिले में बाढ़ से दक्षिणी बेगूसराय की आबादी पूरी तरीके से प्रभावित हो गई है। एक अनुमान के मुताबिक करीब 4 लाख जनता गंगा नदी के बाढ़ से पीड़ित  है। बाढ़ में आवाजाही की मुकम्मल व्यवस्था न होने के कारण एक के बाद एक कई जाने पानी में डूबने से जा रही है। बीते 24 घंटे में तीन लोगों की जान पानी में डूबने से जा चुकी है। बेगूसराय जिले के तेघरा अनुमंडल बेगूसराय सदर अनुमंडल और बलिया अनुमंडल क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित हुआ है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से अब लोगों का पलायन शुरू हो गया है। पशुओं के लिए चारा एवं बाढ़ पीड़ित जनता के लिए मेडिकल कैंप की अविलंब व्यवस्था करने की मांग लोगों द्वारा की जा रही है। सामाजिक संगठन और राजनीतिक कार्यकर्ताओं के द्वारा मदद पहुंचाया जा रहा है। वहीं जिला प्रशासन भी अपने स्तर से आपदा राहत चलाने का दावा कर रही है। कम्युनिटी किचन की शुरुआत विभिन्न क्षेत्रों में की गई है।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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