छत्तीसगढ़

पिछले 25 वर्ष से अटके पड़े 293 प्लाट के प्रकरण का शीघ्र होगा निराकरण

भिलाई-गौरतलब हो कि नगर निगम बनने से पहले 293 लोगों को साडा कार्यकाल में जमीन आबंटित की गई थी। उसके बाद निगम बनने पर एक शिकायत आयुक्त के पास आयी जिसमें कहा गया कि ये सभी प्लाट अत्यंत कम दर पर कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने आबंटित हुए हैं,इसकी जांच होनी चाहिए।विधायक रिकेश सेन ने कहा कि इस शिकायत पर जांच इतनी लंबी हुई कि दस, फिर बीस और 25 वर्षों बाद भी मामला अब तक अटका रहा नतीजतन इसका कोई निर्णय नहीं हो सका था।इस बीच में जो लोग कोर्ट चले जाते थे,उनकी रजिस्ट्री और भवन निर्माण अनुज्ञा दी जाती थी, शेष लोग इंतजार में फंसे रह जाते थे।

मध्यप्रदेश के समय में उसमें यह कहा गया कि इसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं बरती गई है और सभी को मालिकाना हक मिलना चाहिए। उस समिति के निर्णय आने के बावजूद भी लगातार रजिस्ट्री व अन्य कार्य पेंडिंग रहा। शासन का आदेश था कि कलेक्टर इसका निराकरण करेंगे लेकिन आदेश के बाद भी कई कलेक्टर बदले मगर प्लाटधारियों को राहत नहीं मिली। इससे नुकसान हुआ है कि नगर निगम में वो जो तीन सौ प्लॉट वाले जो अपना मकान बना लिए, अपनी दुकान बना लिए लेकिन नगर निगम को कोई रेवेन्यू जमा नहीं करते हैं। इससे नगर निगम का राजस्व का नुकसान हुआ है।

मंत्रीजी ने कलेक्टर को अधिकृत कर दिया है, अब किसी को कोर्ट जाने की आवश्यकता नहीं है,किसी को राज्य शासन के पास जाने की आवश्यकता नहीं है, अब जो कलेक्टर हैं जल्द से जल्द इसका निराकरण करेंगे। आज तक सभी राजनीतिक दल अपने घोषणा पत्र में तीस वर्षों से इस बात को लिखते आए हैं कि जब भी सरकार आएगी तो हम इसका निराकरण करेंगे लेकिन उचित पहल का अभाव दिखा।सेन ने कहा कि इसका निराकरण पहली बार हुआ है,जिसमे कलेक्टर को अधिकृत किया गया है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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