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इंदौर में पीओपी मूर्तियों पर बैन, प्रशासन ने जब्त की 1,500 से अधिक गणेश प्रतिमाएं

इंदौर
 इंदौर जिला प्रशासन ने प्लास्टर आफ पेरिस (पीओपी) से बनी गणेश मूर्ति निर्माण पर सख्ती शुरू कर दी है। शहर में डेढ़ हजार से ज्यादा मूर्तियां जब्त की गईं। प्रशासन की टीम ने बाणगंगा क्षेत्र में कार्रवाई कर 800 से अधिक पीओपी की मूर्तियां जब्त कीं। जिन दो गोदामों में मूर्तियां रखी थीं, उन्हें सील कर दिया गया।

वहीं खुले में रखी मूर्तियों को निर्माताओं की अभिरक्षा में ही रख दिया गया है। वे इनका विक्रय नहीं कर सकेंगे। प्रतिबंध के बावजूद पीओपी की मूर्तियां बनाई जा रही थीं और इन पर रासायनिक रंग भी किया जा रहा था।

इंदौर जिले की राजस्व सीमा में कलेक्टर आशीष सिंह ने पीओपी से बनने वाली मूर्तियों के विक्रय और निर्माण पर प्रतिबंध लगा रखा है। इसके उल्लंघन के मामले में मल्हारगंज एसडीएम निधि वर्मा के नेतृत्व में बाणगंगा क्षेत्र में तीन स्थानों पर कार्रवाई की गई। इसमें दो मूर्ति निर्माताओं से 130 से अधिक बड़ी और 700 से अधिक छोटी गणेश मूर्तियां जब्त की गईं।

यहां 800 मूर्तियां जब्त की गईं

एसडीएम निधि वर्मा ने बताया कि मूर्ति निर्माता विनोद पुत्र गुलाबचंद्र के यहां 800 के करीब मूर्तियां जब्त की गईं। गोदाम को सील कर दिया गया है और खुले में रखी मूर्तियों को अभिरक्षा में दिया गया। वहीं मूर्ति निर्माता मनीष प्रजापति के यहां अधिकांश मूर्तियां मिट्टी की पाई गईं। 10 से 15 मूर्तियां पीओपी की मिलीं।

इन्हें विक्रय या किसी को उपयोग के लिए नहीं देने के निर्देश देते हुए कब्जे में दिया गया। इसी के साथ डिस्ट्रीब्यूटर खेमकरण चितले के गोदाम में लगभग 50 मूर्तियां पीओपी की पाई गईं। यह गोदाम भी सील किया गया। कलेक्टर ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि रसायन युक्त मूर्तियों के निर्माण की अपेक्षा मिट्टी की मूर्तियों का निर्माण किया जाना चाहिए।

मांगलिया से 700 मूर्तियां जब्त

पीओपी की मूर्तियों को लेकर सांवेर तहसील के मांगलिया क्षेत्र में भी कार्रवाई की गई। सांवेर एसडीएम धनश्याम धनगर ने मांगलिया सड़क क्षेत्र के बाबूलाल प्रजापत और राहुल भटूनिया के यहां से 700 छोटी-बड़ी मूर्तियां जब्त की गईं। दोनों के यहां पीओपी की मूर्तियों का निर्माण होना पाया गया।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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