राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

बिहार में 5 और जिलों में बनेंगे नए इंडस्ट्रियल हब, 812 करोड़ का होगा निवेश

पटना.
जल्‍द ही बिहार के लोगों को रोजगार के लिए दूसरे राज्‍यों में नहीं जाना होगा। उन्‍हें अपने जिले में ही रोजगार के अवसर उपलब्‍ध होंगे। इस दिशा में बिहार सरकार लगातार काम कर रही है। जिसका नतीजा है कि बिहार में अब ऐसे 12 जिले ऐसे होंगे जहां इंडस्‍ट्रीय हब होगा। बता दें कि पहले से ही प्रदेश के 7 जिलों में इंडस्‍ट्रीयल हब डेवलप तैयार किया जा रहा है। अब इस लिस्‍ट में 5 और जिलों के नाम जुड़ गए हैं। बुधवार को सीएम नीतीश की कैबिनेट में इन नए पांच जिलों में तैयार किए जाने वाले औद्योगिक क्षेत्रों के प्रस्‍ताव को मंजूर कर लिया है। जिसके लिए एक बड़ी राशि भी स्‍वीकृत कर ली गई है। 

इन जिलों के लोगों को घर पर ही मिलेंगे रोजगार
सरकार युद्ध स्‍तर पर उद्योगों की स्‍थापना के प्रयास कर रही है। ताकि बिहार के लगभग सभी जिलों के लोगों को उनके जिले में ही रोजगार उपलब्‍ध कराए जा सकें। इसके लिए सरकार ज्‍यादातर जिलों में इंडस्‍ट्रीयल एरिया तैयार कर रही है। नालंदा, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, सुपौल, कटिहार, औरंगाबाद और गोपालगंज में पहले से औद्योगिक हब के निर्माण का काम जारी है। अब इस लिस्‍ट में पटना के बख्तियापुर, बेगूसराय, मधेपुरा, सीवान और सहरसा में का नाम भी जुड़ गया है।

812 करोड़ रुपये का नया निवेश मंजूर
इन पांच औद्योगिक क्षेत्रों पटना के बख्तियापुर, बेगूसराय, मधेपुरा, सीवान और सहरसा में औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए जमीन की पहचान कर ली गई है। जहां आधारभूत संरचना विकास प्राधिकार पटना के माध्यम से 2628 एकड़ जमीन पर औद्यो‍गिक सेंटर तैयार किया जाएगा। इस अधिग्रहण के लिए राज्‍य सरकार कुल 812 करोड़ रुपये खर्च करेगी। 

इन जमीनों का हुआ है चयन
बेगूसराय के कुसमौत मौजा में 991 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जायेगा, जिसमें 351 करोड़ 59 लाख रुपये की लागत आयेगी। वहीं, पटना के बख्तियापुर के सैदपुर, बहादुरपुर एवं ताराचंदपुर मौजा में 500 एकड़ जमीन का अधिग्रहण 219 करोड़ 34 लाख रुपये की लागत से किया जाएगा। साथ ही गोपालगंज के कटेया अंचल के बैरिया मौजा में 6.94 एकड़ में औद्योगिक क्षेत्र के निर्माण के लिए 2 करोड़ 60 लाख रुपये की लागत से जमीन अधिग्रहण किया जाएगा। 

राज्य में स्थानीय स्तर पर बढ़ेंगे रोजगार अवसर 
राज्य के 12 जिलों में औद्योगिक क्षेत्र के निर्माण से स्थानीय स्तर पर रोजगार और निवेश के द्वार खुल जाएंगे। इससे प्रदेश के लोगों को रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में जाने की जरूरत नहीं पड़गी। बताते चलें कि पहले रोजगार की तलाश में बिहार से काफी संख्या में लोग दूसरे राज्यों में जाते थे। अब राज्य में हो रहे औद्योगिक क्षेत्र के विकास से लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल सकेगा। इससे लोगों की आर्थिक स्थिति तो मजबूत होगी ही, राज्य का आर्थिक सूचकांक भी ऊपर जायेगा।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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