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जल-जीवन-हरियाली अभियान से बिहार के 2,41,782 हेक्टेयर खेतों तक पहुंचा सिंचाई का पानी

जल-जीवन-हरियाली अभियान से बिहार के 2,41,782 हेक्टेयर खेतों तक पहुंचा सिंचाई का पानी

लघु जल संसाधन विभाग की कुल 2,507 योजनाओं में 2,297 उतर चुकी हैं धरातल पर 

राज्य में 2,70,697 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई क्षमता पुनर्स्थापित करने का है लक्ष्य  

साथ ही, कुल 993 लाख घनमीटर जल संचयन क्षमता का किया गया है  पुनर्स्थापन 

पटना
लघु जल संसाधन विभाग द्वारा "जल-जीवन-हरियाली अभियान" के तहत राज्यभर में 2,41,782 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई क्षमता विकसित करने के साथ ही कुल 993 लाख घनमीटर जल संचयन क्षमता का पुनर्स्थापन कर लिया गया है। लघु जल संसाधन विभाग ने परंपरागत जल स्त्रोतों के पुनरूद्धार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करते हुए अबतक कुल 2,507 योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है। जिसमें अबतक 2,297 योजनाएं पूर्ण की जा चुकी हैं। इन सभी 2507 योजनाओं को पूर्ण कर राज्य में 2,70,697 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई क्षमता को पुनर्स्थापन करने का लक्ष्य तय किया गया है। 

यहां उल्लेखनीय है कि विगत वर्षों में व्यापक जलवायु परिवर्तन के फलस्वरूप वर्षापात में कमी एवं भूगर्भ जल के अत्यधिक दोहन के फलस्वरूप भूगर्भ जलस्तर में उत्तरोत्तर कमी आने के कारण बिहार के विभिन्न जिलों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। जलवायु परिवर्तन की इस विषम स्थिति से निपटने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2019 में "जल-जीवन-हरियाली अभियान" की शुरूआत की है।

जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत क्रियान्वित योजनाओं में गुणवत्ता युक्त कार्य सम्पन्न कराते हुए जहां एक ओर राज्य में रोजगार के नए अवसर सृजित किये गये हैं, वहीं दूसरी ओर जलस्त्रोतों में जल संचयन एवं सिंचाई क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। जल स्त्रोतों में जल संग्रह के फलस्वरूप भूगर्भ जलस्तर में व्यापक सुधार हुआ है। आहर-पईनों एवं तालाबों व पोखरों के मेढ़ पर वृक्षारोपण किये जाने से हरित क्षेत्र में भी वृद्धि हुई है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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