राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

SCO समिट में पीएम मोदी के हर मूव में छिपा पावरफुल मैसेज: चिनफिंग से हाथ मिलाना, पुतिन को गले लगाना

नई दिल्ली
चीन के तियानजन में हुई शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अंदाज अलग ही दिखा, जिसमे साफ संदेश छिपा था कि कौन भारत का करीबी दोस्त है और कौन नहीं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से गले मिलना, चीनी राष्ट्रपति शि चिनफिंग से हाथ मिलाना, तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोआम की पीठ थपथपाना और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ओर देखना तक नहीं, ये सब इशारे अपने आप में काफी कुछ कह गए।

45 मिनट तक कार में साथ थे पीएम मोदी-पुतिन
समिट में पीएम मोदी और पुतिन की नजदीकी सबसे अलग दिखी। दोनों नेता एक ही गाड़ी में साथ पहुंचे। जानकारी के मुताबिक, पुतिन करीब 10 मिनट तक पीएम मोदी का इंतजार करते रहे और फिर दोनों 45 मिनट तक कार में बैठकर बातचीत करते रहे। बाद में उनकी द्विपक्षीय बैठक भी एक घंटे से ज्यादा चली। इसके अलावा, कई मौकों पर पीएम मोदी और पुतिन हंसी-मजाक भी करते नजर आए। इसी दौरान पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ किनारे खड़े नजर आए और वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पीएम मोदी और पुतिन गहरी बातचीत में डूबे हुए आगे बढ़ गए, जबकि शरीफ सिर्फ देखते रह गए।

पाकिस्तानी पीएम को किया नजरअंदाज
समिट में पीएम मोदी का शरीफ को नजरअंदाज करना ही काफी नहीं था, बल्कि अपने संबोधन में उन्होंने आतंकवाद का मुद्दा भी जोर-शोर से उठाया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला सिर्फ भारत की आत्मा पर हमला नहीं था, बल्कि पूरी इंसानियत के लिए चुनौती है। पीएम मोदी ने SCO देशों से अपील की है कि वे आतंकवाद के खिलाफ डबल स्टैंडर्ड छोड़े और एकजुट होकर काम करें। यह बयान शरीफ की मौजूदगी में दिया गया, जिससे संदेश और भी तीखा हो गया।

तुर्किये के राष्ट्रपति की थपथपाई पीठ
तुर्किये के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोआन से भी पीएम मोदी ने गर्मजोशी दिखाई। उन्होंने उनसे हाथ मिलाया और पीठ थपथपाई। यह सीन काफी खास था क्योंकि तुर्किये अक्सर पाकिस्तान के पक्ष में खड़ा होता है और भारत के साथ मतभेद रखता है। वहीं, चीन के राष्ट्रपति के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ भी पीएम मोदी की बातचीत हंसी-मजाक भरी रही। अमेरिका की भारी टैरिफ नीति के बीच इन मुलाकातों ने यह संदेश दिया कि भारत बड़े खिलाड़ियों के साथ रिश्ते मजबूत करने में आगे हैं।

भारत की बातों को मिली अहमियत
समिट के अंत में जारी तियानजन घोषणा में भी भारत की बातों को अहमियत मिली। इसमें 22 अप्रैल को पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की गई और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई गई।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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