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पेराई सत्र 2025-26: गन्ना सट्टा और आपूर्ति नीति जारी, छोटे किसानों को मिलेगी प्राथमिकता

लखनऊ
पेराई सत्र-2025-26 के लिए गन्ना सट्टा एवं आपूर्ति नीति जारी कर दी गई है। इस बार गन्ना समिति के नये किसान सदस्यों को सट्टा पेराई सत्र 2024-25 में संबंधित चीनी मिल की औसत गन्ना आपूर्ति या संबंधित जिले की गन्ना उत्पादकता का 70 प्रतिशत में जो भी अधिक होगा, उसकी सीमा तक गन्ना सट्टा का लाभ दिया जाएगा। नीति में छोटे किसानों और लघु महिला किसानों को भी प्राथमिकता दी गई है। छोटे गन्ना किसानों (81 क्विंटल सट्टाधारक) की पेड़ी गन्ने की पर्चियां एक से तीन पक्ष में और पौधे गन्ने की पर्चियां सात से नौ पक्ष में जारी करने की सुविधा दी गई है।

वहीं अति लघु गन्ना किसानों (36 क्विंटल या चार पर्ची बेसिक मोड) और लघु महिला गन्ना किसान (81 क्विंटल या नौ पर्ची बेसिक मोड) को पेड़ी पौधा को 52:48 के अनुपात से मुक्त रखते हुए अति लघु गन्ना किसानों को शत-प्रतिशत पेड़ी गन्ने की पर्चियां प्रथम पक्ष में व पौधे गन्ने की पर्चियां सातवें पक्ष में, जबकि लघु महिला गन्ना किसानों को शत-प्रतिशत पेड़ी गन्ने की पर्चियां एक से तीन पक्ष में व पौधे गन्ना की पर्चियां सात से नौ पक्ष में जारी की जाएंगी। इससे 13.12 लाख छोटे गन्ना किसानों, 3.75 लाख अति लघु गन्ना किसानों व 6,268 लघु महिला गन्ना किसानों के लाभांवित होने का अनुमान है।

गन्ना आयुक्त मिनस्ती एस. ने बताया कि गन्ना शोध परिषद की ओर से जारी गन्ना किस्म को.15023 की परिपक्वता के हिसाब से अतिशीघ्र मानते हुए गन्ने की कैलेंडरिंग में प्राथमिकता दी गई है। इसकी पेड़ी की पर्चियां एक से दो पक्ष में और पौधे की पर्चियां सात से आठ पक्ष में अंकित की जाएंगी।

इससके चीनी मिलों के चीनी परता में वृद्धि होगी, जिससे किसानों को शीघ्र गन्ना मूल्य भुगतान सुनिश्चित किया जा सकेगा। वहीं पेड़ी या शरदकालीन पौधे वाले नये समिति सदस्यों की पर्चियां पहली बार पांचवें पक्ष से 12वें पक्ष में लगाए जाने की सुविधा मिलेगी।

जिनके पास पौधा गन्ना है, उनकी पर्चियां पिछले वर्ष की तरह सातवें पक्ष से लगेगीं। वर्तमान में पेराई सत्र 2025-26 के लिए जारी सट्टा नीति के तहत गन्ना किसानों को सामान्यतः कैलेंडर के किसी एक कालम में अधिकतम बेसिक मोड की चार पर्चियां ही अंकित की जाएंगी, लेकिन 2,500 क्विंटल या उससे अधिक बेसिक सट्टा धारक किसान के एक कालम में अधिकतम आठ पर्चियां अंकित की जा सकती हैं।

ऐसे किसान जिनके पास शत-प्रतिशत पेड़ी गन्ना है, उनकी 52 प्रतिशत पर्चियां छठवें पखवाड़े तक और शेष 48 प्रतिशत पर्चियां सातवें से 10वें पखवाड़े में लगाई जाएंगीं। पेराई सत्र 2025-26 में यदि किसान मेकेनिकल हार्वेस्टिंग के लिए आवेदन करता है तो उसे पारिवारिक कैलेंडर की सुविधा दी जाएगी।

ऐसे पुराने गन्ना किसान सदस्यों, जिन्होंने केवल वर्ष 2024-25 में ही गन्ना आपूर्ति की है, उनके बेसिक कोटा का निर्धारण चीनी मिल की औसत आपूर्ति या उस किसान की पेराई सत्र 2024-2025 की आपूर्ति, दोनों में जो भी अधिक हो, दी जाएगी।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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