मनोरंजन

सोनी सब के कलाकारों ने साझा किए अपने गुरुओं से मिले सबक

मुंबई,

 सोनी सब के कलाकारों ने शिक्षक दिवस के अवसर पर अपने गुरुओं से मिले सबक को प्रशंसकों के साथ साझा किया है। उफ़्फ…ये लव है मुश्किल में कैरी की भूमिका निभा रहीं आशी सिंह ने कहा, “इस शिक्षक दिवस पर, मैं उन सभी की आभारी हूं जिन्होंने मुझे सिखाया कि अभिनय सिर्फ प्रदर्शन नहीं है, बल्कि भीतर से जीवन को जीना और समझना भी है। हर निर्देशक, सह-कलाकार और गुरु जिनके साथ मैंने काम किया, किसी न किसी रूप में मेरे शिक्षक रहे, जिन्होंने मुझे मेरे किरदारों के ज़रिए खुद के नए पहलुओं को खोजने का मार्ग दिखाया। मुझे लगता है कि हम लगातार सीखते और विकसित होते रहते हैं, चाहे सेट पर हों या जीवन में। आज मैं अपने सभी शिक्षकों को धन्यवाद देना चाहती हूं, जिन्होंने मुझे केवल कलाकार ही नहीं बल्कि इंसान के रूप में भी गढ़ा। कैरी जैसे जटिल किरदार को निभाते हुए मैंने धैर्य, संवेदनशीलता और ईमानदारी जैसे अनगिनत सबक सीखे हैं।”

उफ़्फ…ये लव है मुश्किल में मायरी की भूमिका निभा रहीं सुप्रिया शुक्ला ने कहा, “कई बरसों से पर्दे पर मां का किरदार निभाना ही धैर्य, करुणा और बिना शर्त प्रेम का एक बड़ा सबक रहा है। मुझे ऐसे अद्भुत कोच और निर्देशक मिले जिन्होंने हमेशा यही कहा,‘इसे सच्चा महसूस करो, इसे मायने दो।’ शिक्षक दिवस पर मुझे याद आता है कि गुरु कई रूपों में आते हैं—कभी शिक्षक बनकर, कभी सह-कलाकार बनकर और कभी उन किरदारों के रूप में जिन्हें हम निभाते हैं। हर किसी ने कोई न कोई सबक दिया है जो मेरे साथ हमेशा जुड़ा रहा, और आज मैं उन सबके प्रति गहरी कृतज्ञता महसूस करती हूं जो मुझे निरंतर मार्गदर्शन और प्रेरणा देते रहे।”

इत्ती सी खुशी में विराट की भूमिका निभा रहे रजत वर्मा ने कहा, “चाहे वह मेरा पहला डायलॉग कोच हो या कोई वरिष्ठ सह-कलाकार जिसने मुझे ‘एक बार और कोशिश करो’ कहकर प्रेरित किया, ऐसे हर पल मेरे लिए सीखने का अवसर रहा है। ये सबक सेट तक ही सीमित नहीं रहे बल्कि उन्होंने मेरे काम के प्रति दृष्टिकोण और जीवन जीने के तरीके को भी गढ़ा है। अनुशासन, रचनात्मकता और ईमानदारी ऐसी चीज़ें हैं जिन्हें किताबें पूरी तरह नहीं सिखा सकतीं, बल्कि ये साथ काम करने वाले लोग अपने आचरण से हमें सिखाते हैं। इस शिक्षक दिवस पर मैं उन सभी के प्रति आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने जान-बूझकर या अनजाने में मेरे सफर में शिक्षक की भूमिका निभाई। मेरा हर किरदार उनकी सीख की नींव पर खड़ा है, और इसके लिए मैं हमेशा सम्मान और आभार के साथ उन्हें याद रखूंगा।”

वीर हनुमान में केसरी की भूमिका निभा रहे आरव चौधरी ने कहा, “जब एक बच्चा जन्म लेता है, तो उसकी पहली गुरु मां होती है, फिर परिवार के बड़े और निश्चित रूप से स्कूल के शिक्षक। लेकिन मेरा मानना है कि एक सबसे बड़ा शिक्षक, जिसका अक्सर उल्लेख नहीं होता, वह है समय। अच्छे और कठिन दौर से समय जो सिखाता है, वह वास्तव में अनमोल होता है। मैं अपने सभी गुरुओं का आभारी हूं, जिनमें मेरे आध्यात्मिक गुरु तर्नेवजी भी शामिल हैं, और हर वह शिक्षक जिन्होंने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से मुझे गढ़ा है। फिल्मकारों, निर्देशकों, निर्माताओं और दिग्गज कलाकारों से लेकर हर किसी ने मेरे लिए मार्गदर्शक का काम किया है। शिक्षक दिवस पर मैं इन सभी प्रभावों के प्रति गहरी कृतज्ञता महसूस करता हूं, क्योंकि यही मेरे जीवन के सच्चे शिक्षक रहे हैं।”

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button