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गयाजी पितृपक्ष मेला 2025: फ्री ठहराव और सुविधाओं की पूरी जानकारी

गयाजी

6 सितंबर 2025 से शुरू हो रहे पितृमुक्ति के महापर्व पितृपक्ष मेले को लेकर गया जिला प्रशासन की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस वर्ष, मेले में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जो अपने पूर्वजों का पिंडदान और तर्पण करने के लिए गया की मोक्ष भूमि पर आते हैं। पितृपक्ष मेले के महत्व को देखते हुए बिहार सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं।

पितृपक्ष की अवधि में हर तिथि का धार्मिक महत्व अलग-अलग होता है, और इन विशेष तिथियों पर संबंधित पिंडदान वेदियों और धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ जाती है। पितृपक्ष मेले से संबंधित कुल 55 पिंडदान वेदियाँ हैं, जिनमें से 45 गया में और एक पुनपुन (पटना जिले) में स्थित है। इसके अलावा, 9 तर्पण स्थल भी गया में हैं। महत्वपूर्ण सरोवरों में ब्रह्म सरोवर, रुक्मिणी तालाब, पितामहेश्वर, रामशिला, वैतरणी, सूर्यकुंड, गोदावरी और प्रेतशिला शामिल हैं। साथ ही, चार महत्वपूर्ण घाट—देवघाट, गजाधर घाट, ब्राह्मणी घाट और सीढ़ियां घाट—भी तैयारियों का हिस्सा हैं।

तीर्थयात्रियों के लिए आवासन और सुविधाएं
देश-दुनिया से आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए जिला प्रशासन ने ठहरने की व्यापक व्यवस्था की है। सरकारी 64 आवासों में 18,000 तीर्थयात्रियों के लिए निःशुल्क ठहरने की व्यवस्था है। इसके अलावा, पर्यटन विभाग ने गयाजी के गांधी मैदान में 2500 लोगों की क्षमता वाला एक टेंट सिटी भी बनवाया है, जहाँ तीर्थयात्रियों को निःशुल्क ठहराया जाएगा। इन आवास स्थलों पर शौचालय, स्नानागार, पीने के पानी, साफ-सफाई, प्रकाश, सुरक्षा, खाना बनाने की सुविधा और खाद्य सामग्री की व्यवस्था की गई है। इस वर्ष भी गांधी मैदान टेंट सिटी में यात्रियों के लिए गंगाजल की आपूर्ति की जाएगी।

महाकुंभ की तर्ज पर साफ-सफाई
पितृपक्ष मेले के दौरान घाटों, मंदिरों, वेदियों, तालाबों, आवास स्थलों और पूरे शहर की साफ-सफाई महाकुंभ की तर्ज पर की जा रही है। शहर को 4 जोन और 54 सेक्टरों में बाँटकर आउटसोर्सिंग के माध्यम से सफाई कराई जा रही है। वहीं, नगर निगम ने 30,000 अतिरिक्त सफाईकर्मियों को पाली (शिफ्ट) के अनुसार तैनात किया है। फल्गु नदी की निरंतर साफ-सफाई के लिए ट्रैश क्लीनिंग बोट का उपयोग किया जा रहा है।

स्वास्थ्य और पेयजल की व्यवस्था
तीर्थयात्रियों के लिए पेयजल के लिए 96 स्थानों पर 299 हैंडपंप, 43 प्याऊ और 620 नल लगाए गए हैं। इसके अलावा, 20 पानी के टैंकर और 4 वाटर एटीएम से भी जलापूर्ति की जाएगी। 94 स्थानों पर 633 स्थायी शौचालयों की मरम्मत की गई है, और 240 प्री-फैब्रिकेटेड अस्थायी शौचालय तथा 131 स्नानागार बनाए गए हैं।

मेला क्षेत्र में 125 चिकित्सकों और 178 पैरामेडिकल स्टाफ की सहायता से 70 स्वास्थ्य शिविर स्थापित किए गए हैं। गयाजी के प्रमुख अस्पतालों में 125 बेड, मगध मेडिकल कॉलेज में 100 बेड, प्रभावती अस्पताल में 10 बेड, जयप्रकाश नारायण अस्पताल में 5 बेड और एम्स में 5 बेड आरक्षित रखे गए हैं। मेले के लिए 12 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस, 2 शव वाहन (मॉर्चरी वैन) और 5 मोबाइल टीमें भी गठित की गई हैं।

सुरक्षा और तकनीक का उपयोग
प्रकाश व्यवस्था के लिए मेला क्षेत्र में 49 हाईमास्ट लाइट, 34 मिनी हाईमास्ट लाइट, 3500 स्ट्रीट लाइट और 7500 तिरंगा रोप लाइट लगाई गई हैं। देश-दुनिया के तीर्थयात्रियों को घर बैठे मेले से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए www.pinddaangaya.bihar.gov.in वेबसाइट का संचालन किया जा रहा है। साथ ही, पिंडदान गया नामक एक मोबाइल ऐप भी विकसित किया गया है, जिसमें आवास, स्वास्थ्य शिविर, पुलिस शिविर, बस स्टैंड, वेदियाँ, घाट, सरोवर, बैंक एटीएम, पेट्रोल पंप आदि की जानकारी दी गई है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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