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झारखंड में माफियाओं को फायदा पहुंचाने वाली बालू घाट नीलामी नीति: बाबूलाल मरांडी का आरोप

रांची

झारखंड में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर बालू घाटों की नीलामी को लेकर कड़ा निशाना साधा है। मरांडी ने यहां पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हेमंत सरकार द्वारा जारी बालू घाट नीलामी नियमावली माफिया, दलाल और बिचौलियों के इशारे पर बनाई गई है, जिसके कारण गरीब, बेरोजगार, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के लोग इस प्रक्रिया से वंचित रहेंगे।

मरांडी ने बताया कि राज्य के 500 से अधिक बालू घाटों को जिला स्तर पर समूहों में बांटकर नीलामी का नया तरीका अपनाया गया है। उदाहरण स्वरूप, गोड्डा में 16 घाट ए समूह में, जामताड़ा में 15 घाट ए और 5 बी समूह में तथा दुमका, सरायकेला, पूर्वी सिंहभूम और गिरिडीह जिलों में घाटों के विभिन्न समूह बनाए गए हैं। इस नियमावली में आवेदन के लिए 15 करोड़ रुपये का टर्नओवर शर्त और नॉन रिफंडेबल शुल्क को काफी बढ़ाकर रखा गया है, ताकि स्थानीय युवकों और छोटे व्यवसायियों का मार्ग बाधित हो। मरांडी ने कहा कि सरकार इन शर्तों के जरिए सिर्फ अपने सेटिंग वाले लोगों को लाभ पहुंचाना चाहती है। उन्होंने राज्य सरकार को पहले भी चेतावनी दी थी, लेकिन सरकार ने नहीं माना जिसके कारण राज्य के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी जेल में हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार नहीं सुधरी तो और अधिकारी भी जेल जाएंगे।

मरांडी ने कहा कि यह नियमावली अवैध बालू उत्खनन को वैध बनाने का प्रयास है। पर्यावरण अनुमति मिलने पर पूरे समूह के बालू घाटों से बालू निकालने की योजना बनी है, जो माफियाओं के लिए बड़ी लूट का साधन बनेगा। मरांडी ने हेमंत सरकार से आग्रह किया कि वह ग्राम सभा को बालू घाट का अधिकार दे और नियमों पर पुनर्विचार करे, ताकि खनिज संसाधनों का उचित उपयोग हो और स्थानीय लोगों को लाभ मिले। संवाददाता सम्मेलन में भाजपा के मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक और प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा भी मौजूद थे।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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