राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

भारत-यूएस वार्ता से मिले संकेत: क्या खत्म होगा 50% टैरिफ का चक्कर?

वाशिंगटन 
भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ वॉर जल्द ही थम सकता है। कहा जा रहा है कि दोनों ही देशों ने मंगलवार को हुई बातचीत को सकारात्मक करार दिया है। सोमवार रात ही अमेरिकी वार्ताकार ब्रेंडन लिंच भारत पहुंचे थे, जिसके बाद भारतीय पक्ष के साथ व्यापार को लेकर चर्चा होनी थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ के बाद दोनों देशों के रिश्ते तल्ख हो गए थे।

मंगलवार को हुई बैठक के बाद अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा, 'असिस्टेंट यूएस ट्रेड रिप्रजेंटेटिव ब्रेंडन लिंच की अपने समकक्ष राजेश अग्रवाल से 16 सितंबर को द्विपक्षीय व्यापार वार्ता के मामले पर सकारात्मक बैठक हुई।' खास बात है कि भारत की तरफ से भी बैठक को पॉजिटिव करार दिया गया है। इससे पहले ट्रंप ने भारत के साथ बातचीत जारी होने की जानकारी दी थी। भारत सरकार ने कहा, 'भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार के स्थाई महत्व को स्वीकारते हुए बातचीत सकारात्मक रही…।'

सोमवार से बढ़ी उम्मीदें
रूसी कच्चा तेल खरीदने के लिए अमेरिकी बाजार में प्रवेश करने वाले भारतीय सामान पर 25 प्रतिशत शुल्क और 25 प्रतिशत अतिरिक्त जुर्माना लगाए जाने के बाद किसी उच्च पदस्थ अमेरिकी व्यापार अधिकारी की यह पहली यात्रा है। वाणिज्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लिंच और भारतीय अधिकारियों के बीच बैठक को छठे दौर की वार्ता के रूप में नहीं, बल्कि उससे पहले की बातचीत के रूप में देखा जाना चाहिए। अधिकारी ने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका साप्ताहिक आधार पर वर्चुअल माध्यम से चर्चा कर रहे हैं।

अच्छे संकेत
अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता के पटरी पर लौटने की उम्मीदें बढ़ने से मंगलवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले आठ पैसे मजबूत होकर 88.08 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि सकारात्मक घरेलू बाजारों और कमजोर डॉलर के कारण रुपये में मजबूती आई। अमेरिकी डॉलर फेडरल रिजर्व की आगामी बैठक और निराशाजनक आर्थिक आंकड़ों से पहले दो महीने के निचले स्तर पर आ गया।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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