शिक्षा

स्वास्थ्य सेवा में सुनहरा भविष्य: नर्सिंग करियर की राह

इन दिनों नर्सिंग एक उजले सेवा पूर्ण करियर के रूप में उभरकर सामने आया है। यह एक ऐसा करियर है, जो गांवों की युवतियों से लेकर महानगरों की युवतियों तक करियर की एक समान संभावनाएं प्रस्तुत करता है। नर्स का कार्य मानवीय भावना से ओत-प्रोत कार्य है, जिसका कोई मूल्य निर्धारित नहीं किया जा सकता। न सिर्फ रोगियों को स्वस्थ करने में बल्कि उनके प्राणों की रक्षा करने में भी नर्स की महत्वपूर्ण भूमिका होती है? एक कुशल नर्स रोगियों की भावनाओं एवं मनोविज्ञान को अच्छी तरह समझकर उनकी उचित देखभाल कर सकती है। इसलिए नर्सिंग युवतियों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त एवं निरापद करियर है। नर्सिंग क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी काफी बढ़ गए हैं। सामान्यतया विवाहित युवतियों को नर्सिंग के कोर्स में प्रवेश की अनुमति नहीं है। नर्सिंग पाठ्यक्रम एवं प्रशिक्षण पूर्ण होने के पश्चात वह विवाह करने हेतु पूर्ण स्वतंत्र है। नर्सिंग का प्रशिक्षण लेने के बाद नर्स के पद पर नियुक्त होना ज्यादा महत्वपूर्ण है। वैसे कई निजी अस्पतालों में सेवा भावना के साथ रोजगार चाहने वाली महिलाओं को नर्सिंग का काम सिखाकर व अनुभव देकर नर्स बना दिया जाता है। नर्सिंग प्रशिक्षण के लिए देश के सभी बड़े शहरों में नर्सिंग प्रशिक्षण केंद्र चलाए जाते हैं।

नर्सिंग के क्षेत्र में कई प्रकार के पाठ्यक्रम कराए जाते हैं किंतु बीएससी (नर्सिंग) कोर्स के प्रति युवतियों में विशेष आकर्षण है। बीएससी (नर्सिंग) पाठ्यक्रम चार वर्ष की अवधि का है। जिसमें प्रवेश हेतु इंटरमीडिएट अथवा 12 परीक्षा भौतिकी, रसायन, अंग्रेजी, जीव विज्ञान विषय सहित उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। 12 अथवा इंटरमीडिएट परीक्षा में कम-से-कम 55 प्रतिशत अंक होने चाहिए।

चयन प्रवेशः परीक्षा के आधार पर होता है, जिसमें भौतिकी, रसायन, जीव-विज्ञान एवं सामान्य ज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। जो युवतियां नर्सिंग के क्षेत्र में अध्यापन को करियर बनाना चाहती हैं, बीएससी (नर्सिंग) करने के पश्चात एमएससी (नर्सिंग) कर सकती हैं, जो दो वर्ष का पाठ्यक्रम है। चयन प्रवेश परीक्षा एवं साक्षात्कार के आधार पर होता है। इसके अलावा नर्सिंग के क्षेत्र में नर्सिंग एंड मिडवाइफरी एवं ऑजीलरी नर्सिंग प्रमुख पाठ्यक्रम हैं।

जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु 12 अथवा इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। पाठ्यक्रम की अवधि साढ़े तीन वर्ष है, जबकि न्यूनतम आयु सीमा 17 वर्ष है। ऑजीलरी नर्सिंग कोर्सों में प्रवेश हेतु मैट्रिकुलेशन अथवा दसवीं परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। अलग-अलग संस्थानों में पाठ्यक्रम की अवधि अलग-अलग होती है।

आमतौर पर यह पाठ्यक्रम डेढ़ वर्ष का होता है। इसके अतिरिक्त इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) से पत्राचार द्वारा तीन वर्षों का बीएससी (नर्सिंग) का पाठ्यक्रम किया जा सकता है। इस पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु 10प्लस2 अथवा इंटरमीडिएट परीक्षा जीव विज्ञान समूह से उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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