राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

सिंधु जल पर भारत का बड़ा कदम, अब इन 3 राज्यों को मिलेगा पानी – पाकिस्तान पर बनेगा दबाव

नई दिल्ली

दिल्ली और आसपास के राज्यों में बढ़ते जल संकट के बीच केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने  एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को दिए जाने वाले सिंधु जल संधि के तहत आने वाले पानी को अब दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान जैसे अन्य राज्यों की ओर मोड़ा जाएगा। यह कदम सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बाद उठाया जा रहा है, जो पहलगाम आतंकी हमले के बाद लिया गया था। खट्टर ने इसे "आपदा में अवसर" बताते हुए कहा कि अगले एक से डेढ़ वर्षों में यह पानी उपलब्ध हो सकेगा।

खट्टर ने  घोषणा की कि पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि के निलंबन के कारण बचा पानी अगले एक से डेढ़ साल के भीतर दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान को उपलब्ध कराया जाएगा। राष्ट्रीय राजधानी के जल निकासी मास्टर प्लान की शुरुआत के अवसर पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा, ‘‘पाकिस्तान की ओर बड़ी मात्रा में छोड़ा जाने वाला पानी अब आने वाले एक से डेढ़ साल में दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान को उपलब्ध कराया जाएगा।’’

भारत ने अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में दशकों पुरानी इस संधि को निलंबित करने का फैसला किया था। पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। वर्ष 1960 से प्रभावी यह संधि भारत तथा पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी तथा उसकी सहायक नदियों के जल वितरण और उपयोग को नियंत्रित करती है।
प्रभावित राज्य और जल संकट की स्थिति

दिल्ली सहित उत्तर भारत के कई राज्य गंभीर जल संकट का सामना करते हैं। गर्मियों में यमुना नदी का जलस्तर न्यूनतम होने से पेयजल की कमी हो जाती है। हरियाणा और राजस्थान में भी सिंचाई के लिए पानी की किल्लत होती है। खट्टर के अनुसार, सिंधु की पश्चिमी नदियों से बचने वाला पानी इन राज्यों को राहत देगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत को अतिरिक्त 30-40 अरब घन मीटर पानी उपलब्ध करा सकता है, हालांकि इसे स्टोर करने और वितरित करने के लिए बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे की जरूरत होगी।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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