राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

ग्रोथ इंजन ही नहीं, देश का ‘ग्रीन इंजन’ भी बन रहा उत्तर प्रदेश

सस्टेनेबिलिटी की दिशा में अग्रसर यूपी, पानी बचाने से लेकर वनों के विस्तार तक की अनोखी पहल

आधुनिक सिंचाई तकनीक, ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान और क्लाइमेट रेज़िलिएंस पर फोकस

हॉल नंबर 8 में सिंचाई, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग करेंगे उपलब्धियों का प्रदर्शन 

25 से 29 सितंबर तक ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में यूपीआईटीएस 2025 का भव्य आयोजन 

लखनऊ
उत्तर प्रदेश को “नए भारत का ग्रोथ इंजन” बनाने की दिशा में योगी सरकार लगातार बड़े कदम उठा रही है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो (यूपीआईटीएस 2025) राज्य की आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक ताकत को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने जा रहा है। 25 से 29 सितंबर तक इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट, ग्रेटर नोएडा में आयोजित होने वाले इस भव्य आयोजन का यह तीसरा संस्करण होगा, जिसमें व्यापार, उद्योग, संस्कृति, खानपान, तकनीकी नवाचार के अतिरिक्त इस बार सस्टेनेबिलिटी की अनूठी झलक देखने को मिलेगी। योगी सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ संघर्ष में अपनी प्रतिबद्धता का एक सशक्त संदेश देते हुए यहां 'उत्तर प्रदेश प्लेजेस टू द प्लैनेट' यानी पृथ्वी के प्रति उत्तर प्रदेश का संकल्प भी लिया है। यूपीआईटीएस 2025 का यह पहलू इस बात का सशक्त उदाहरण है कि कैसे उत्तर प्रदेश खुद को भारत के ग्रोथ इंजन के साथ-साथ ग्रीन इंजन के रूप में भी स्थापित कर रहा है।

हॉल नंबर 8 में होगा उपलब्धियों का प्रदर्शन
इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट, ग्रेटर नोएडा में 25 से 29 सितंबर के बीच आयोजित होने जा रहे इस आयोजन में हॉल नंबर 8 का दृश्य कुछ खास होगा, जहां सिंचाई, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग अपनी योजनाओं और उपलब्धियों का प्रदर्शन करेंगे। यहां आगंतुकों को दिखाया जाएगा कि किस तरह यूपी आधुनिक सिंचाई समाधानों के जरिए न केवल किसानों की उपज बढ़ा रहा है, बल्कि पानी की भारी बचत भी कर रहा है। यह पहल भविष्य की पीढ़ियों के लिए जल सुरक्षा और किसानों की समृद्धि सुनिश्चित करने का मार्ग प्रशस्त कर रही है। इस मौके पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को भी विशेष रूप से रेखांकित किया गया। इस अभियान ने अब तक प्रदेश में करीब पांच लाख एकड़ तक वन आच्छादन बढ़ाने में सफलता पाई है। यह उपलब्धि न केवल पर्यावरणीय संतुलन की दिशा में क्रांतिकारी कदम है, बल्कि हर नागरिक को हरियाली से जोड़ने का एक सशक्त प्रयास भी है।

ग्रीन फ्यूचर की ओर अग्रसर उत्तर प्रदेश 
कार्यक्रम में यह भी बताया जाएगा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश ने विकास और पारिस्थितिकी के बीच संतुलन साधने का ठोस मॉडल तैयार किया है। सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को ध्यान में रखते हुए राज्य ग्रीन फ्यूचर की ओर तेजी से अग्रसर है। आयोजन समिति के अनुसार, इस सेक्शन का उद्देश्य आगंतुकों को प्रेरित करना और उन्हें यह विश्वास दिलाना है कि विकास और पर्यावरण संरक्षण एक-दूसरे के पूरक हो सकते हैं। विशेषज्ञों ने कहा कि यह मॉडल न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए क्लाइमेट जस्टिस और सतत विकास की दिशा में प्रेरक साबित होगा। 

पांच दिनों तक बिजनेस, संस्कृति और क्रिएटिविटी का दिखेगा संगम
उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो का मंच सज चुका है, जहां 5 दिनों तक व्यापार, संस्कृति, खानपान और रचनात्मकता का अद्भुत मेल देखने को मिलेगा। इस मेगा इवेंट में उत्तर प्रदेश अपनी ताकत और संभावनाओं को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करेगा। आयोजन का मुख्य उद्देश्य राज्य को ग्लोबल सोर्सिंग हब के रूप में स्थापित करना है, जहां छोटे, मध्यम और बड़े उद्योगों से लेकर पारंपरिक वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) के खजाने, आधुनिक तकनीक, हस्तशिल्प और प्रदेश की विविधतापूर्ण व्यंजन संस्कृति सब एक ही छत के नीचे दिखाई देंगे। इस बार आयोजन में एमएसएमई और स्टार्टअप्स को विशेष प्लेटफार्म दिया गया है, ताकि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खरीदारों और निवेशकों से जुड़ सकें। वहीं, मेगा इंडस्ट्री सेक्टर की कंपनियां भी अपने उत्पाद और सेवाओं का प्रदर्शन करेंगी। व्यापारियों, निवेशकों और खरीदारों के लिए यह आयोजन न केवल नए अवसरों का द्वार खोलेगा, बल्कि 'मेक इन यूपी' की अवधारणा को सशक्त भी करेगा। प्रदर्शनी में आने वाले विज़िटर्स को खरीदारी और बिज़नेस डील्स के साथ-साथ यूपी के क्राफ्ट, कल्चर और कुजीन का लुत्फ भी मिलेगा। प्रदेश के पारंपरिक शिल्प, पीतल, जरी-ज़रदोज़ी, बनारसी साड़ी से लेकर आधुनिक तकनीकी नवाचारों तक की झलक यहां देखने को मिलेगी। साथ ही, आगंतुकों को अवध, बुंदेलखंड और पूर्वांचल की पाक विरासत का स्वाद चखने का मौका मिलेगा।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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