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प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना: उजाला फैलाने के साथ आत्मनिर्भरता की राह दिखा रहे हैं भात्रा

बिजली उपभोक्ता से उत्पादक बने, ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता छत्तीसगढ़
 

रायपुर,

भारत के विकास की राह अब सूरज की रोशनी से रोशन हो रही है। इसी दिशा में प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना ने ऊर्जा आत्मनिर्भरता की नई परिभाषा गढ़ी है। यह योजना केवल बिजली बचत का उपाय नहीं, बल्कि हर घर को भविष्य की ऊर्जा क्रांति से जोड़ने वाला सेतु है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में शुरू हुई यह पहल नागरिकों को उपभोक्ता से उत्पादक बना रही है। अब हर छत सिर्फ छत नहीं, बल्कि ऊर्जा का स्रोत है। यही कारण है कि सूर्यघर योजना आज स्वच्छ ऊर्जा, आत्मनिर्भरता और सतत विकास का सबसे मजबूत आधार स्तंभ बन चुकी है।

कोरबा जिले के खरमोरा निवासी श्री दीपक किशोर भात्रा, जो पेशे से व्यापारी हैं, ने अपने घर की छत पर तीन किलोवाट का सोलर पैनल लगवाया है। उन्हें इस योजना की जानकारी अपने परिचितों से मिली, योजना का लाभ सुनते ही उन्होंने बिना देर किए आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से आवेदन किया। आवेदन के तुरंत बाद ही विशेषज्ञ टीम ने उनके घर पर सोलर पैनल स्थापित कर दिया। आवेदन के कुछ ही दिनों में उनके खाते में केंद्र सरकार की ओर से रूपये 78 हजार की सब्सिडी सीधे जमा हो गई। इससे उन्हें आर्थिक बोझ महसूस नहीं हुआ। अब उनके घर के सभी उपकरण बिना किसी रुकावट के आसानी से चलते हैं।

श्री भात्रा बताते हैं कि सोलर पैनल की कुल लागत लगभग रूपये 2 लाख 10 हजार आई, लेकिन सरकार की सब्सिडी मिलने से उनका वास्तविक निवेश बेहद कम रह गया। उनका कहना है कि आज जहाँ अधिकांश लोग कोयले और अन्य पारंपरिक साधनों पर निर्भर हैं, वहीं सूर्यघर योजना एक क्रांतिकारी पहल है। यह योजना हर घर में बिजली की  आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है और साथ ही बचत का अवसर भी प्रदान कर रही है। केवल एक बार का निवेश जीवनभर के उजाले और आत्मनिर्भरता का आशीर्वाद लेकर आता है। इसके साथ ही उन्होंने अपने परिचितों और आसपास के लोगों को भी इस योजना का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया, ताकि वे भी आत्मनिर्भर बन सकें। श्री भात्रा ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार जताते हुए कहा कि यह पहल वास्तव में आम लोगों के जीवन में रोशनी और समृद्धि लेकर आई है।

छत्तीसगढ़ जैसे ऊर्जा-समृद्ध राज्य में इस योजना का क्रियान्वयन विशेष महत्व रखता है। अब तक राज्य मुख्य रूप से कोयला और पारंपरिक स्रोतों से बिजली उत्पादन पर निर्भर रहा है, लेकिन सूर्यघर योजना के माध्यम से यहाँ के लोग स्वच्छ ऊर्जा अपनाने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से उपयोगी है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए विकास का मार्ग भी प्रशस्त कर रही है। प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना का असर केवल घरेलू जीवन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था और ऊर्जा आत्मनिर्भरता को भी मज़बूत कर रही है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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