राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

मध्यप्रदेश: क्रिमिनल कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग पर फिलहाल रोक, अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को

 जबलपुर
 हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा व न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ के समक्ष गुरुवार को लाइव स्ट्रीमिंग के वीडियो के दुरुपयोग को चुनौती के मामले में सुनवाई हुई। मेटा कंपनी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी वर्चुअल पैरवी की। उन्होंने माना कि इंटरनेट मीडिया के कई प्लेटफार्म्स पर हाई कोर्ट प्रकरणों की सुनवाई के वीडियो का दुरुपयोग हो रहा है। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें आपत्तिजनक वीडियो के यूआरएल लिंक उपलब्ध करा दिए जाएं तो उन वीडियो को हटा दिया जाएगा।

29 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई

हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को उक्त लिंक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। कोर्ट ने अंतरिम आदेश के तहत सभी क्रिमिनल कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग पर रोक अगली सुनवाई तक बरकरार रखी है। मामले की अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को होगी।

कोर्ट की बातों को मिर्च मसाला लगाकर करते हैं वायरल

जबलपुर निवासी अधिवक्ता अरिहंत तिवारी और विदित शाह ने याचिका दायर कर बताया कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग के वीडियो यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर मीम्स या शार्ट्स के माध्यम से डाली जाती है। यह आपत्तिजनक है। कई बार न्यायाधीशों द्वारा ओपन कोर्ट में कही बातों को मिर्च मसाला लगाकर उन्हें वायरल किया जाता है। यह अदालत की अवमानना है।

गतिविधियों की मानिटरिंग करें आईटी

याचिका में मांग की गई कि यूट्यूब के स्थान पर वेबेक्स आधारित प्लेटफॉर्म के जरिए प्रकरणों की लाइव स्ट्रीमिंग की जाए, जो कि कुछ हद तक सुरक्षित है। यह मांग भी की गई कि रजिस्ट्रार आईटी भी इस तरह की गतिविधियों पर मानिटरिंग करें और नियंत्रण सुनिश्चित करें।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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