शिक्षा

दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटी फिर बना ऑक्सफोर्ड, भारतीय संस्थान टॉप 100 से बाहर

नई दिल्ली-टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 जारी कर दी गई है और एक बार फिर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय दुनिया का टॉप विश्वविद्यालय बना है. लगातार दसवें साल ऑक्सफोर्ड ने यह प्रतिष्ठित स्थान हासिल किया है. रैंकिंग में चीन की सिंघुआ यूनिवर्सिटी तीसरे साल लगातार 12वें स्थान पर रही, जबकि पेकिंग यूनिवर्सिटी 13वें स्थान पर रही. खास बात यह है कि इस बार टॉप 100 में एक भी भारतीय विश्वविद्यालय शामिल नहीं है.

14 साल में पहली बार एशिया के विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन में गिरावट देखी गई है. भारतीय विश्वविद्यालय शीर्ष 100 में नहीं हैं. इसके बावजूद, सूचीबद्ध विश्वविद्यालयों की कुल संख्या में भारत अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है. चीन ने 13 विश्वविद्यालयों के साथ अपनी स्थिति मजबूत रखी है. नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (NUS) इस बार 17वें स्थान पर रही.

अमेरिका का दबदबा

टॉप 10 में अमेरिका के 7 विश्वविद्यालय शामिल हैं. मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) दूसरे स्थान पर है. प्रिंसटन विश्वविद्यालय ने इस बार संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर पहुंचकर अपनी अब तक की सर्वोच्च रैंकिंग हासिल की है. पिछले साल की तुलना में शीर्ष 20 में छह विश्वविद्यालयों की संख्या कम हुई है. शीर्ष 100 में अमेरिका के विश्वविद्यालयों की संख्या 35 रह गई है, जबकि शीर्ष 500 में कुल 102 अमेरिकी संस्थान शामिल हैं, जो अब तक का सबसे कम रिकॉर्ड है.

ब्रिटेन की स्थिति

टॉप 10 में ब्रिटेन के तीन विश्वविद्यालय शामिल हैं. ऑक्सफोर्ड पहले स्थान पर है, कैम्ब्रिज तीसरे स्थान पर और इंपीरियल कॉलेज लंदन आठवें स्थान पर है. यूके के 105 रैंक वाले विश्वविद्यालयों में से 27% की रैंक में गिरावट आई है और केवल 12% विश्वविद्यालयों में सुधार देखा गया है. लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (LSE) 52वें स्थान पर और यूनिवर्सिटी ऑफ वारविक 122वें स्थान पर हैं.

भारतीय विश्वविद्यालयों का हाल

भारतीय विश्वविद्यालयों की स्थिति इस रैंकिंग में निराशाजनक रही. भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) को 201-250 के बीच स्थान मिला है. जामिया मिलिया इस्लामिया 401-500, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय 501-600, आईआईटी इंदौर 501-600, महात्मा गांधी विश्वविद्यालय 501-600 और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय 601-800 रैंक में शामिल हैं. यह दर्शाता है कि भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान अब भी वैश्विक स्तर पर अपने प्रदर्शन में सुधार कर सकते हैं.

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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