राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

8 युद्ध रोके, लाखों की जान बचाई — ट्रंप ने फिर लिया क्रेडिट, खुद को बताया शांति का नायक

वाशिंगटन 
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दोहराया कि उन्होंने वैश्विक संघर्षों को सुलझाने में बड़ी भूमिका निभाई. साथ ही एक बार फिर भारत- पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाने का श्रेय लिया.

बॉलरूम डिनर कार्यक्रम में ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने आठ महीनों में आठ युद्धों को रुकवाया. अपने कार्यों के प्रभाव के बारे ट्रंप ने कहा कि वह पुरस्कार या मान्यता से ज्यादा संघर्ष के दौरान इंसानों की जान को महत्व देते हैं. उन्होंने आगे कहा, 'लेकिन आप जानते हैं कि मुझे किस चीज की परवाह है?

मैंने शायद करोड़ों लोगों की जान बचाई है.' ट्रंप की यह टिप्पणी रविवार (स्थानीय समय) को उनके द्वारा पहले की गई टिप्पणियों से मिलती-जुलती थी, जब उन्होंने दोहराया था कि उन्होंने कई लंबे समय से चले आ रहे वैश्विक संघर्षों को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

13 अक्टूबर को मिडिल ईस्ट की यात्रा के दौरान एयर फोर्स वन में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने गाजा युद्धविराम को आठवाँ संघर्ष बताया, जिसे उन्होंने सफलतापूर्वक समाप्त करने में मदद की थी. ट्रंप ने कहा था, 'यह मेरा आठवाँ युद्ध होगा जिसे मैंने सुलझाया है. मैंने सुना है कि अब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच एक युद्ध चल रहा है. मैंने कहा था, मुझे वापस आने तक इंतजार करना होगा. मैं एक और युद्ध समाप्त कर रहा हूँ क्योंकि मैं युद्ध सुलझाने में माहिर हूँ.'

उन्होंने अपने पिछले राजनयिक हस्तक्षेपों पर विचार किया. इसमें भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने का उनका दावा भी शामिल था. उन्होंने कहा, 'भारत और पाकिस्तान के बारे में सोचिए. उन युद्धों के बारे में सोचिए जो वर्षों से चल रहे थे. एक युद्ध 31 वर्षों तक चला, एक 32 वर्षों तक चला, एक 37 वर्षों तक चला, जिसमें हर देश में लाखों लोग मारे गए और मैंने इनमें से अधिकांश युद्धों को एक दिन के भीतर ही निपटा दिया.'

ट्रंप ने कहा कि शांति प्रयासों के जरिए लोगों की जान बचाने में भूमिका निभाना उनके लिए सम्मान की बात है. उन्होंने आगे कहा कि उनके प्रयास किसी पहचान या पुरस्कार से प्रेरित नहीं थे. उन्होंने कहा, 'ऐसा करना सम्मान की बात है. मैंने लाखों लोगों की जान बचाई. मैंने यह नोबेल पुरस्कार के लिए नहीं किया. मैंने यह जान बचाने के लिए किया.'

उनकी यह टिप्पणी नोबेल शांति पुरस्कार पर नए सिरे से चर्चा के बीच आई है. यह टिप्पणी उन्होंने 11 अक्टूबर को वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार विजेता घोषित किए जाने के बाद की थी. ट्रंप ने दावा किया कि मचाडो ने व्यक्तिगत रूप से उनसे संपर्क किया और यह पुरस्कार उनके सम्मान में समर्पित किया.

उन्होंने कहा, 'जिस व्यक्ति को नोबेल पुरस्कार मिला, उसने आज मुझे फोन किया और कहा, 'मैं इसे आपके सम्मान में स्वीकार कर रही हूँ क्योंकि आप वास्तव में इसके हकदार थे.' हालाँकि, मैंने यह नहीं कहा, 'इसे मुझे दे दो'. मुझे लगता है कि उन्होंने ऐसा किया होगा. मैं इस दौरान उनकी मदद करता रहा हूँ.' मचाडो को लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और वेनेजुएला में तानाशाही से लोकतंत्र की ओर शांतिपूर्ण संक्रमण का नेतृत्व करने के उनके प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया.

शांति प्रयासों पर अपनी टिप्पणियों के सिलसिले में ट्रंप ने अपने रिकॉर्ड को मौजूदा रूस-यूक्रेन संघर्ष से जोड़ते हुए दोहराया कि उन्होंने कूटनीति के जरिए कई युद्ध समाप्त किए हैं. उन्होंने कहा, 'मैंने सात युद्ध रोके. यह एक युद्ध है और यह बहुत बड़ा युद्ध है.' उन्होंने उन संघर्षों का जिक्र किया जिनके हल होने का उन्होंने दावा किया था, इनमें आर्मेनिया, अजरबैजान, कोसोवो और सर्बिया, इजराइल और ईरान, मिस्र और इथियोपिया, रवांडा और कांगो शामिल हैं. ट्रंप की शांति पहलों का समर्थन करते हुए, इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा,डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार दीजिए. वह इसके हकदार हैं!

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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