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पशुपति पारस का बड़ा बयान: महागठबंधन से दूरी, अकेले मैदान में उतरी LJP

पटना

राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख पशुपति कुमार पारस ने कहा कि हमने महागठबंधन के साथ गठबंधन करने की काफी कोशिश की, लेकिन गठबंधन साकार नहीं हो सका। इसीलिए हमने तय किया है कि हम चुनाव अकेले लड़ेंगे। हमलोगों ने पहले चरण की 33 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। मुझे उम्मीद है कि चुनाव के पहले चरण में हम अच्छी संख्या में सीटें जीतेंगे।

पशुपति पारस ने कहा कि 2005 में हमारी पार्टी ने अकेले ही बिहार विधानसभा चुनाव लड़ा था। 29 सीटों पर हमलोग जीते थे। इस बार भी हम लोगों ने महागठबंधन के साथ गठबंधन करने का प्रयास किया। लेकिन, कुछ कारण वश ऐसा नहीं हुआ। हमारा संगठन पूरे बिहार में है। हमारा दलित सेना पूरे बिहार में है। इस बार हमारी पार्टी ने फैसला किया कि हम लोग अकेले चुनाव लड़ेंगे। पहले चरण में हम लोगों ने 33 अपने कार्यकर्ताओं को प्रत्याशी बनाया। इसमें छह महिलाओं को टिकट दिया है। हम लोगों ने बिहार के जातीय समीकरण का पूरा ख्याल रखना है। मुझे उम्मीद है की प्रथम चरण के चुनाव परिणाम में हमारी संख्या काफी अच्छी रहेगी।

महागठबंधन में सीट बंटवारे के सवाल पर उन्होंने कहा कि आज तक सीट बंटवारा फाइनल नहीं हुआ तो अब क्या होगा? मुकेश सहनी के साथ पिछले बार भी गलत हुआ और इस बार भी हो रहा है। हम लोगों के साथ भी ऐसा ही किया गया इसलिए हमलोग अलग हो गए। पारस ने कहा कि यह बिहार के लिए दुर्भाग्य की बात है जो सामाजिक न्याय की सरकार बननी थी, उसमें अवरोध पैदा हो गया है।

यह चीज गठबंधन के लिए अच्छी बात नहीं है
कुछ सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवार आमने-सामने हो गए हैं, इस सवाल पर पशुपति पारस ने कहा कि इसका मतलब स्पष्ट है कि उम्मीदवारों का चयन गलत किया गया है। एक तरफ आप गठबंधन की बात करते हो और दूसरी तरफ दोस्ताना संघर्ष की बात करते हो। लालगंज, वैशाली समेत कई जगहों पर दोस्ताना संघर्ष हो रहा है। यह गठबंधन के लिए अच्छी बात नहीं है। पशुपति पारस ने स्पष्ट कहा की कि हम लोगों को सभी जाति धर्म के लोग वोट करेंगे और हमारी जीत होगी।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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