राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

MP में बुलडोजर की गूंज: गरीबों के घर टूटे, बाबाओं की आलीशान संपत्ति पर सरकार खामोश!

सतना
वन परिक्षेत्र सिंहपुर में वन विभाग ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए 25 हेक्टेयर वनभूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया, लेकिन इस कार्रवाई ने सिस्टम की दोहरी नीति पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। एक ओर जहां गरीब और आदिवासी वर्ग के आशियाने जेसीबी से मिटा दिए गए, वहीं दूसरी ओर इन्हीं जंगलों की सैकड़ों एकड़ भूमि तथाकथित बाबाओं और धार्मिक संस्थाओं को सामुदायिक पट्टों के नाम पर दी जा रही है।

वन विभाग की कार्रवाई भले ही वन भूमि की सुरक्षा के नाम पर की गई हो, लेकिन इसने प्रशासन की प्राथमिकताओं और न्याय की समानता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वन विभाग की टीम में परिक्षेत्र सहायक अंजनी कुमार पटेल, मोतीलाल पटेल, बीट प्रभारी ब्रजेश बागरी, पुष्पेंद्र सिंह, स्थायी कर्मी ब्रदी प्रसाद कुशवाहा, राजू सिंह गोंड समेत सुरक्षा श्रमिक दल शामिल रहा। विभाग ने बताया कि कार्रवाई के बाद भूमि की गहरी खुदाई कर उसे पुनः सुरक्षित किया गया, ताकि भविष्य में दोबारा कब्जा न हो सके।
 
आदिवासियों की बेघर कहानी
कार्रवाई के दौरान जिन परिवारों के आशियाने उजड़े, वे अधिकतर आदिवासी और मजदूर वर्ग से ताल्लुक रखते हैं। कई परिवार वर्षों से इसी भूमि पर खेती या झोपड़ी बनाकर जीवन-यापन कर रहे थे। कार्रवाई के बाद अब वे बेघर और बेसहारा हो गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि “गरीबों पर बुलडोज़र चलता है, लेकिन बाबाओं और प्रभावशाली लोगों के कब्जे पर विभाग चुप रहता है।”

बाबा और पट्टा संस्कृति पर सवाल
सूत्र बताते हैं कि इसी परिक्षेत्र में कुछ धार्मिक संस्थाओं और आश्रमों को सामुदायिक उपयोग के नाम पर 100 से अधिक एकड़ वनभूमि दी गई है। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं का आरोप है कि “वन संरक्षण के नाम पर सरकार दोहरा रवैया अपनाती है एक तरफ आदिवासी परिवारों को हटाया जा रहा है, दूसरी तरफ बाबाओं को वनभूमि पर ‘कानूनी कब्जा’ दिया जा रहा है।”

कार्रवाई का ब्योरा
वन परिक्षेत्राधिकारी नितेश कुमार गंगेले के नेतृत्व में हुई कार्रवाई में बीट शिवराजपुर और मोरा के अतिक्रमण को हटाया गया। शिवराजपुर बीट (कक्ष क्र. पी-265) में कुल 8.00 हेक्टेयर भूमि पर से कब्जा हटाया गया। अतिक्रमणकारियों में रामभगत यादव (4.00 हे.), कामता उर्फ नत्थू यादव (2.00 हे.), अन्नू यादव (1.00 हे.), अशोक यादव (0.50 हे.) और संदीप यादव (0.50 हे.) शामिल रहे। वहीं मोरा बीट (कक्ष क्र. पी-253) में 17.00 हेक्टेयर भूमि से कब्जा हटाया गया। इसमें जगलाल गोंड (4.00 हे.), रामू गोंड (4.00 हे.), चिंतामणि पाल (3.00 हे.), बबलू पाल (3.00 हे.) और सोनेलाल पाल (3.00 हे.) के नाम सामने आए।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button