राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को युद्धविराम की याद दिलाई, समझौते की शर्तों पर लगाई सेंसेशनल चेतावनी

काबुल
अफगानिस्तान के तालिबान शासन ने पाकिस्तान को उन शर्तों की याद दिलाई है जो दोनों के बीच हुए समझौते में निहित हैं। एक बयान जारी कर बताया गया कि समझौते में युद्धविराम, आपसी सम्मान और एक-दूसरे के सुरक्षा बलों, नागरिकों और सुविधाओं पर हमलों से बचने पर जोर दिया गया है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ये बयान पोस्ट किया गया। अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने इसमें कहा, "इस्लामिक अमीरात के रक्षा मंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पाकिस्तान के साथ हुए समझौते के बारे में विस्तृत जानकारी दी है। इसके अलावा और कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। यह समझौता युद्धविराम, आपसी सम्मान, एक-दूसरे के सुरक्षा बलों, नागरिकों और सुविधाओं पर हमलों से बचने, बातचीत के जरिए सभी मामलों का समाधान करने और एक-दूसरे पर हमले न करने पर पूरी तरह जोर देता है। इन शर्तों से परे कोई भी बयान अमान्य है।" यह बयान अफगान क्षेत्र पर हवाई हमले और अफगान शरणार्थियों के बड़े पैमाने पर निर्वासन के बाद दोनों पड़ोसी देशों में बढ़ते तनाव के बीच आया है।
इससे पहले 18 अक्टूबर को, कतर के विदेश मंत्रालय ने घोषणा की थी कि एक सप्ताह से भी ज्यादा समय तक चली भीषण लड़ाई के बाद, जिसमें दर्जनों लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए, अफगानिस्तान और पाकिस्तान तत्काल युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं। कतर के बयान के अनुसार, पाकिस्तान और अफगानिस्तान स्थायी शांति और स्थिरता को मजबूत करने के उद्देश्य से तंत्र स्थापित करने पर सहमत हुए हैं, और युद्धविराम की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए फॉलो-अप वार्ताएं निर्धारित हैं। अफगानिस्तान और पाकिस्तान दोनों के प्रतिनिधिमंडल कतर और तुर्की की मध्यस्थता में वार्ता के लिए दोहा में थे। वार्ता का नेतृत्व दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने किया, और पाकिस्तान ने कहा कि ध्यान "अफगानिस्तान से उत्पन्न सीमा पार आतंकवाद को समाप्त करने और सीमा पर शांति और स्थिरता बहाल करने के तत्काल उपायों" पर केंद्रित होगा।
यह संघर्ष तब शुरू हुआ जब पाकिस्तान ने काबुल पर हवाई हमले किए। इस्लामाबाद और काबुल दोनों ने हाल के दिनों में एक-दूसरे पर आक्रमण का आरोप लगाया है। पाकिस्तान ने बार-बार दावा किया है कि आतंकवादी समूह अफगान क्षेत्र से हमले कर रहे हैं, जबकि अफगानिस्तान ने सीमा पार हिंसा के लिए जिम्मेदार ऐसे किसी भी तत्व को पनाह देने से दृढ़ता से इनकार किया है। 18 अक्टूबर को अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में पाकिस्तानी हवाई हमले में तीन अफगान क्रिकेटर मारे गए थे। ये खिलाड़ी एक दोस्ताना क्रिकेट मैच में हिस्सा लेने के लिए उर्गुन से पाकिस्तान सीमा के पास शाराना गए थे। मृतकों की पहचान कबीर, सिबगतुल्लाह और हारून के रूप में हुई थी। इस हमले में पांच अन्य नागरिकों की भी मौत हो गई थी।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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