राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

मध्य प्रदेश में दो साल तक के बच्चों के आहार की नई सलाह, छह माह के बाद मांसाहारी परिवारों के बच्चों को अंडा, मांस और मछली दें

भोपाल 

मध्य प्रदेश में महिला और बाल विकास विभाग ने दो साल तक के बच्चों के आहार को लेकर नई सलाह जारी की है। विभाग का कहना है कि छह माह की उम्र पूरी होने के बाद यदि परिवार मांसाहारी है, तो बच्चों को अंडा, मांस और मछली खिलाना चाहिए।विभाग ने बच्चों के पोषण के पांच सूत्र जारी किए हैं और इनका प्रचार-प्रसार आंगनवाड़ी केंद्रों और जनजागरूकता अभियानों के जरिए करने को कहा है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि बाजार की चीजें जैसे बिस्किट, चिप्स, मिठाई, नमकीन और जूस बच्चों के लिए नुकसानदायक हैं, क्योंकि इनमें आवश्यक पोषक तत्व नहीं होते।

पोषण अभियान के तहत दिए निर्देश

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के पोषण अभियान के तहत यह दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। मंत्रालय ने सभी राज्यों को इन सूत्रों को अपनाने को कहा है। मध्य प्रदेश में इन्हें राज्य की महिला एवं बाल विकास विभाग की वेबसाइट पर भी अपलोड किया गया है।

पोषण के पांच सूत्र इस प्रकार हैं:

    पहले 1000 सुनहरे दिन: बच्चे के जन्म से दो वर्ष तक का समय सबसे महत्वपूर्ण माना गया है, जिसमें पोषण और स्वास्थ्य पर खास ध्यान देने की जरूरत है।

    पौष्टिक आहार: परिवार मांसाहारी हो तो बच्चे को अंडा, मांस और मछली देने की सलाह।

    अनीमिया से बचाव: आयरन और प्रोटीन से भरपूर भोजन का सेवन बढ़ाने की सलाह।
    डायरिया से बचाव: साफ पानी और स्वच्छ भोजन पर ध्यान।

    स्वच्छता और साफ-सफाई: संक्रमण और बीमारियों से बचाव के लिए व्यक्तिगत व घरेलू स्वच्छता पर फोकस।

बच्चों के लिए 1000 दिन बताए सुनहरे

पोषण के पांच सूत्र बताते हुए कहा गया है कि पहले सौ दिनों में बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास तेजी से होता है। इसमें गर्भावस्था की अवधि से लेकर बच्चे के जन्म के दो साल तक की उम्र की अवधि शामिल है। इस दौरान उचित स्वास्थ्य, पर्याप्त पोषण, प्यार भरा व तनाव मुक्त माहौल और सही देखभाल होना चाहिए, ताकि बच्चे का पूरा विकास हो। इस दौरान मां और बच्चे को सही पोषण की सर्वाधिक जरूरत होती है। इन 1000 सुनहरे दिनों में 270 दिन गर्भावस्था, 365 दिन बच्चे के जन्म के पहले साल के और 365 दिन बच्चे के जन्म के दूसरे साल के शामिल होते हैं।

पौष्टिक आहार में कहा- मांस, मछली, अंडा खाना चाहिए

सभी उम्र के लोगों के साथ बच्चे को छह माह का होने पर पर्याप्त मात्रा में अलग-अलग आहार खिलाने की बात कही गई है। साथ ही कहा गया है कि विभिन्न खाद्य पदार्थ जैसे रोटी, चावल और पीले व काले रंग की दालें, हरी पत्तेदार सब्जियां मसलन पालक, मैथी, चौलाई, सरसों, पीले फल आम, पका पपीता आदि खाना चाहिए। विभाग ने इसमें यह भी कहा है कि यदि मांसाहारी हैं तो अंडा, मांस और मछली खाना चाहिए।

विभाग के अनुसार खाने में दूध, मिल्क प्रोडक्ट, अखरोट आदि शामिल करने के साथ आंगनवाड़ी में मिलने वाले पोषाहार अवश्य खाना चाहिए। जब बच्चा छह माह का हो जाए तो मां के दूध के साथ घर का बना मसला और गाढ़ा ऊपरी आहार भी दिया जाना चाहिए। इसमें कद्दू, लौकी, गाजर, पालक, दाल शामिल हैं। अगर मांसाहारी हैं तो अंडा, मांस और मछली भी देना चाहिए। बच्चे के खाने में नमक, चीना और मसाला कम डालें और बच्चे को बाजार का बिस्कुट, चिप्स, मिठाई, नमकीन और जूस जैसी चीजें न पिलाएं। इससे बच्चे को सही पोषक तत्व नहीं मिलते।

अनीमिया रोकने के लिए भी अंडा, मांस, मछली खाने को कहा

पोषण का तीसरा सूत्र अनीमिया रोकने को लेकर किए जाने वाले प्रयास बताए गए हैं जिसमें कहा गया है कि अनीमिया रोकथाम के लिए आयरन युक्त भोजन जैसे दालें, हरी पत्तेदार सब्जियां, पालक, मैथी, सरसों, फल, दूध, दही, पनीर आदि बच्चे को खिलाएं।

एमपी में हो चुका है अंडा खिलाने का विरोध

प्रदेश में आंगनवाड़ी केंद्रों में जाने वाले बच्चों को अंडा खिलाने का प्रस्ताव पूर्व में भी महिला और बाल विकास विभाग में आ चुका है जिसका जमकर विरोध हुआ और इसके बाद सरकार ने इस फैसले को वापस ले लिया है। अब केंद्रीय महिला और बाल विकास विभाग के पोषण के पांच सूत्र बताए जाने के बाद इसे जिला अधिकारियों को लागू करने के लिए कहा गया है। हालांकि आंगनवाड़ी केंद्रों से इसकी सप्लाई को लेकर कोई बात नहीं कही गई है। बच्चे के माता पिता के लिए यह सलाह दी गई है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button