राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

सहारा इंडिया पर EPFO का नया वार: जारी हुआ कुर्की का नोटिस

लखनऊ
 कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने सहारा इंडिया ग्रुप पर सख्त कार्रवाई का ऐलान किया है. कंपनी द्वारा लाखों कर्मचारियों के लिए जमा न किए गए 1180 करोड़ रुपये के भविष्य निधि (पीएफ) और पेंशन बकाया के खिलाफ ईपीएफओ ने सहारा की संपत्तियों पर कुर्की का नोटिस जारी कर दिया है. यह कदम सहारा की लंबे समय से चली आ रही वित्तीय अनियमितताओं के बीच आया है, जहां कंपनी के एजेंटों को कर्मचारी मानते हुए उनके पीएफ योगदान को अनिवार्य ठहराया गया है. यदि बकाया समय पर जमा नहीं किया गया, तो ईपीएफओ कानून के तहत संपत्ति जब्ती और ब्याज सहित दंड की प्रक्रिया तेज कर देगा.

ईपीएफओ की लखनऊ क्षेत्रीय कार्यालय ने सहारा इंडिया को नोटिस जारी करते हुए निर्देश दिया है कि 15 दिनों के अंदर 1180 करोड़ रुपये जमा किए जाएं. यह राशि मुख्य रूप से 2010-2012 के दौरान सहारा के ‘कमीशन एजेंटों’ के पीएफ और पेंशन दावों से जुड़ी है. ईपीएफओ का तर्क है कि ये एजेंट वास्तव में कंपनी के कर्मचारी थे, जिनके लिए पीएफ योगदान अनिवार्य था. यदि देरी हुई, तो धारा 8बी से 8जी के तहत बिना अतिरिक्त नोटिस के वसूली की कार्रवाई शुरू हो जाएगी, जिसमें ब्याज और जुर्माना भी जोड़ा जाएगा. अनुमान है कि कुल बकाया ब्याज सहित 3500 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है.
ये है मामला

सहारा इंडिया पर यह कार्रवाई 2013 से चल रही जांच का नतीजा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पिछले साल चार महीने का समयसीमा तय की थी, जिसके बाद ईपीएफओ ने 15 फरवरी को आदेश जारी किया. कंपनी ने लंबे समय तक एजेंटों को ‘सदस्य’ बताकर पीएफ दायित्व से बचने की कोशिश की, लेकिन अदालती फैसले ने इसे कर्मचारी ही माना. ईपीएफओ के अधिकारियों के अनुसार, सहारा के पास 10 लाख से अधिक ऐसे ‘कर्मचारी’ थे, जिनके दावे अब लंबित हैं.
सहारा का संकट गहराया

सहारा इंडिया ग्रुप पहले से ही सेबी के बॉन्ड घोटाले, जमीन घोटालों और निवेशकों के 9000 करोड़ के रिफंड के मामले में उलझा हुआ है. हाल ही में झारखंड सीआईडी ने 400 करोड़ के लैंड स्कैम में सब्राटा रॉय के बेटों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. अब ईपीएफओ का यह नोटिस कंपनी की संपत्तियों—जैसे रियल एस्टेट और वित्तीय परिसंपत्तियों—पर सीधा खतरा पैदा कर रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि कुर्की हुई, तो सहारा की लिक्विडिटी और बिक्री योग्य संपत्तियों पर असर पड़ेगा.

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button