राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

काले कपड़ों पर लगा बैन! जानिए किस देश में अचानक मच गई किल्लत और क्यों दिया गया खास आदेश

थाईलैंड
क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि किसी देश में एक साथ लोग इतने काले कपड़े खरीदने लगे कि काले रंग के कपड़ों की किल्लत पड़ जाए? थाईलैंड में इन दिनों कुछ ऐसा ही हो रहा है। देश में काले कपड़ों की अचानक कमी हो गई है। हालात यह हैं कि दुकानों में कपड़ों के स्टॉक्स खत्म हो गए हैं। लेकिन इस आखिर थाईलैंड के लोग एक साथ इतने काले कपड़े क्यों खरीद रहे हैं?

दरअसल देश में हुई काले कपड़े की कमी का कारण थाईलैंड की राजमाता, रानी सिरीकित, की मृत्यु है। बीते सप्ताह रानी सिरीकित के निधन के बाद देशभर में शोक मनाया जा रहा है। 25 अक्टूबर को 93 वर्ष की आयु में उनके निधन के बाद थाई सरकार ने देश में 30 दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। वहीं आधिकारिक तौर पर एक साल तक शोक मनाया जाएगा। इस अवधि के दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को एक वर्ष तक काले शोक वस्त्र पहनने होंगे।

90 दिनों तक काले कपड़े पहनने की सलाह
वहीं राष्ट्रीय शोक के बीच आम जनता को 90 दिनों तक काले, सफेद या हल्के रंग के कपड़े पहनने की सलाह दी गई है। इस बीच थाईलैंड में काले कपड़ों की मांग इतनी बढ़ गई है कि दुकानों में स्टॉक खत्म हो रहा है। हालांकि थाईलैंड के प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह एक अनुरोध है और कोई कानूनी आदेश नहीं है। यानी काले कपड़े न पहनने पर किसी को सजा नहीं दी जाएगी। हालांकि लोगों से इस निर्देश का पालन करने की अपेक्षा की गई है। थाईलैंड में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब काले कपड़ों की कमी हो गई है। इससे पहले 2016 में राजा भूमिबोल के निधन के समय भी देश में काले कपड़ों की मांग अचानक बढ़ गई थी।

कौन थीं थाईलैंड की राजमाता रानी सिरीकित?
रानी सिरीकित थाईलैंड की पूर्व रानी और वर्तमान राजा महा वजीरालोंगकोर्न की मां थीं। सिरिकित का जन्म 12 अगस्त 1932 को बैंकॉक में हुआ था। वह 1950 से 2016 तक थाईलैंड की महारानी रहीं। थाई संस्कृति को बढ़ावा देने में उनके व्यापक प्रयासों के कारण उन्हें 'राष्ट्रमाता' की उपाधि मिली थी। जानकारी के मुताबिक सिरिकित को 2012 में स्ट्रोक हुआ था, जिसके बाद बिगड़ती सेहत के कारण वह सार्वजनिक कार्यक्रमों से अक्सर दूर रहती थीं। इससे पहले उनके पति महाराजा भूमिबोल अदुल्यादेज का अक्टूबर 2016 में निधन हो गया था।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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