एमपी के 76 वन क्षेत्रपालों को मिली पदस्थापना, डेढ़ साल का प्रशिक्षण पूरा करने के बाद

भोपाल
प्रशासनिक नजरिए से 7 नवंबर का दिन मध्यप्रदेश के लिए कुछ खास होगा। इस दिन प्रदेश को 8 सौ से ज्यादा नए अधिकारी, कर्मचारी मिलेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इन नव-चयनित सरकारी सेवकों को समारोहपूर्वक नियुक्ति एवं पदस्थापना आदेश प्रदान करेंगे। शुक्रवार को राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में यह कार्यक्रम आयोजित होगा। खास बात यह है कि यहां 76 वन क्षेत्रपालों को भी पदस्थापना आदेश प्रदान किए जाएंगे। इसके साथ ही इन्हें प्रदेश के वनों के संरक्षण, संवर्धन का अहम दायित्व दे दिया जाएगा।
7 नवम्बर को पूर्वान्ह 11.30 बजे से कार्यक्रम शुरु होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव यहां वन एवं लोक स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा विभाग के कुल 877 अधिकारी-कर्मचारियों को नियुक्ति एवं पदस्थापना आदेश प्रदान करेंगे। इनमें वन विभाग के 543 नव-नियुक्त वनरक्षक एवं वन क्षेत्रपाल और लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के 334 नव-नियुक्त विशेषज्ञ एवं नर्सिंग ऑफिसर शामिल हैं।
लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग भर्ती परीक्षा वर्ष 2024-25 से चयनित 75 निश्चेतना विशेषज्ञ, 62 सर्जरी विशेषज्ञ, 106 शिशु रोग विशेषज्ञ एवं 91 नर्सिंग ऑफिसर को नियुक्ति आदेश दिए जाएंगे।
वन विभाग में मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मण्डल, भोपाल द्वारा आयोजित वनरक्षक भर्ती परीक्षा वर्ष 2022-23 में चयनित 467 नव-नियुक्त वनरक्षकों को पदस्थापना आदेश दिए जाएंगे। इन्होंने वन प्रशिक्षण विद्यालयों में वानिकी प्रशिक्षण पूर्ण कर लिया है। साथ ही मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित वन क्षेत्रपाल भर्ती परीक्षा वर्ष 2020-21 से चयनित 76 वन क्षेत्रपाल को भी पदस्थापना आदेश प्रदान किए जाएगे। इन्होंने देश की विभिन्न प्रशिक्षण अकादमियों में 18 माह का प्रशिक्षण पूरा किया है।
द्वितीय श्रेणी (Class II) के राजपत्रित अधिकारी
बता दें कि मध्यप्रदेश में वन क्षेत्रपाल (Range Forest Officer) द्वितीय श्रेणी (Class II) के राजपत्रित अधिकारी होते हैं। ये राज्य वन सेवा (State Forest Service – SFS) के अंतर्गत आते हैं जोकि वन मंडल अधिकारी (DFO) के अधीन रहकर कार्य करते हैं। प्राय: इन्हें एक वन रेंज (Forest Range) का प्रभार दिया जाता है। वनों के संरक्षण, संवर्धन का अहम दायित्व वन क्षेत्रपालों का ही रहता है। वृक्षों की कटाई, वन उत्पादों का संग्रहण और वन क्षेत्र का प्रबंधन भी इनके कार्यों में शामिल है।




