‘छत्तीसगढ़ की निर्भया’ मामले पर हाई कोर्ट की टिप्पणी: आरोपी की बरी पर कहा — दुर्भाग्यपूर्ण फैसला

बिलासपुर
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा एवं जस्टिस बीडी गुरु की डीबी ने एक जघन्य यौन और हत्या के अपराध में आरोपी को पाक्सो एक्ट में बरी करने और शासन की ओर से अपील नहीं किए जाने के मामले में गंभीर टिप्पणी की है।
कोर्टने टिप्पणी में कहा है कि इस बैकग्राउंड में हम यह नोट करने के लिए मजबूर हैं कि ट्रायल कोर्ट ने भारी मेडिकल और परिस्थितिजन्य सबूतों के बावजूद अपीलकर्ता को आइपीसी की धारा 363, 364, 376(3) के साथ पाक्सो एक्ट की धारा 4 और 6 के तहत गंभीर आरोपों से बरी करके गलती की है। यह वाकई दुर्भाग्यपूण है।
हाई कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा, राज्य की अपील की अनुपस्थिति मेडिकल सबूतों की गंभीरता या बच्चे के खिलाफ किए गए अपराध की गंभीरता को कम नहीं करती है। रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री से इसमें कोई संदेह नहीं रह जाता है कि पीड़ित का अपहरण किया गया था। सबसे बर्बर तरीके से यौन उत्पीड़न किया गया था और उसके बाद उसकी हत्या कर दी गई थी।
हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को ठहराया गलत
संबंधित प्रविधानों के तहत दोषसिद्धि न देना उन मामलों में सबूतों की गलत समझ को दर्शाता है। ऐसे मामले में जहां पीड़िता का रेप किया गया हो और उसे मार दिया गया हो, अगर ट्रायल कोर्ट को पीड़िता पर सेक्शुअल असाल्ट के पक्के सबूत मिलते हैं तो वह दुष्कर्म होने की बात को नज़रअंदाज नहीं कर सकता। ट्रायल कोर्ट आरोपी को सिर्फ हत्या के लिए दोषी नहीं ठहरा सकता।
यह है मामला
जांजगीर-चांपा जिले के जैजैपुर थाना क्षेत्र निवासी नवीं कक्षा की छात्रा 28 फरवरी 2022 की रात को सोई थी। मां की रात को नींद खुली तो देखा कि बेटी बिस्तर में नहीं है। पिता ने एक मार्च 2022 को जैजैपुर थाना में रिपोर्ट लिखाई कि उसकी नाबालिग बेटी को किसी ने अपहरण कर लिया है। तीन मार्च 2022 को उसकी लाश गांव के तालाब में मिली। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया एवं गांव में कैंप कर पूछताछ की।
ग्रामीणों से पूछताछ में पुलिस को आरोपी के संबंध में सुराग मिला। पुलिस ने आरोपी जवाहर को गिरफ्तार कर जेल दाखिल किया। सक्ती न्यायालय ने आरोपी को धारा 302 और 201 के अंतर्गत अपराध के लिए दोषी ठहराया है। हाई कोर्ट ने आरोपी की अपील खारिज करते हुए उसे नाबालिग से बर्बर तरीके से यौन अपराध कर हत्या के मामले में पाक्सो एक्ट के तहत सजा नहीं सुनने पर उक्त टिप्पणी की है।
लिखवाया सुसाइड नोट
नाबालिग से लिखवाया सुसाइड नोट जांच के दौरान यह पता चला कि मृतक और आरोपी लगभग आठ महीने से प्रेम प्रसंग में थे। मृतक ने कथित तौर पर कहा कि वह उसके बिना नहीं रह सकती और मर जाएगी, तो आरोपी ने उसे 28 फरवरी को अपने घर बुलाया जब वहां कोई नहीं था।
उसने कथित तौर पर उसे मारने की साजिश रची और उससे एक सुसाइड नोट लिखने को कहा, यह कहते हुए कि वे दोनों भाग जाएंगे और आत्महत्या कर लेंगे। 28 फरवरी की रात एक बजे आरोपी पीड़िता अपनी बाइक से तालाब के पास ले गया। जहां उसने नाबालिग की हत्या कर दी।
हत्या से पहले किया दुष्कर्म
मौत से पहले आरोपी ने उसके साथ जबरदस्ती यौन हमला किया गया था। डॉक्टरों ने साफ तौर पर राय दी है कि पीड़ित के प्राइवेट पार्ट्स पर गंभीर चोटें आई थीं। खून भी बह रहा था।




