राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

प्रकृति संरक्षण के संकल्प के साथ आगे बढ़ना होगा : उच्च शिक्षा मंत्री परमार

अपनी रसोई को आयुर्वेद से जुड़ी सामग्रियों से पुनः समृद्ध करने की आवश्यकता

मंत्री परमार ने "कर्तव्यवीर सम्मान एवं स्थापना दिवस समारोह" में विभिन्न प्रतिभाओं को सम्मानित किया

भोपाल 
उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुसरण में मध्यप्रदेश, रोजगारपरक, गुणवत्तापूर्ण एवं भारत केंद्रित शिक्षा की ओर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि वसुधैव कुटुंबकम् ही भारत का मूल दृष्टिकोण है। हमारा भाव है कि विश्व एक परिवार है, विश्व कभी बाजार नहीं हो सकता है। इसी भाव से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने कोविड के भीषण संकटकाल में, विभिन्न देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराई थी।

यह बात मंत्री श्री परमार ने रविवार को भोपाल के श्यामला हिल्स स्थित गांधी भवन में, मीणा समाज शक्ति संगठन द्वारा आयोजित सामाजिक "कर्तव्यवीर सम्मान एवं स्थापना दिवस समारोह" में सहभागिता कर कही। मंत्री श्री परमार ने कहा कि मीणा समाज, प्रकृति के सर्वाधिक निकट प्रकृति पूजक समाज है। उन्होंने संगठन के 17वें स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी और मीणा समाज की विभिन्न प्रतिभाओं को सम्मानित किया।

मंत्री श्री परमार ने कहा कि कृतज्ञता, भारत की परम्परा, सभ्यता एवं विरासत है। हमारे पूर्वजों ने प्रकृति एवं प्राकृतिक ऊर्जा स्रोतों जल, सूर्य एवं वृक्ष आदि के संरक्षण के लिए कृतज्ञता के भाव से श्रद्धा रूप में परम्परा एवं मान्यता स्थापित की थीं। श्री परमार ने कहा कि यह पूर्वजों द्वारा स्थापित पीढ़ी दर पीढ़ी स्थानांतरित ज्ञान है। हमें प्रकृति के संरक्षण के संकल्प के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है।

मंत्री श्री परमार ने सभी से युगानुकुल परिप्रेक्ष्य में स्वस्थ रहने की दृष्टि से प्लास्टिक मुक्त सामाजिक परिवेश के संकल्प में सहभागी बनने की अपील की। श्री परमार ने कृषि एवं दुग्ध उत्पादन में रासायनिक उत्पादों के कम से कम उपयोग करते हुए, जैविक खेती एवं शुद्धता की ओर बढ़ने के लिए भी आह्वान किया।

मंत्री श्री परमार ने कहा कि भारत की गृहणियों की रसोई में कोई तराजू नहीं होता है, गृहिणियों को भोजन निर्माण के लिए किसी संस्थान में अध्ययन करने की आवश्यकता नहीं होती है। भारतीय गृहिणियों में रसोई प्रबंधन का उत्कृष्ट कौशल, नैसर्गिक एवं पारम्परिक रूप से विद्यमान है। भारत की रसोई, विश्वमंच पर प्रबंधन का उत्कृष्ट आदर्श एवं श्रेष्ठ उदाहरण है। श्री परमार ने कहा कि भारतीय रसोई, आयुर्वेद का केंद्र हुआ करती थी, पुनः हमें अपनी रसोई को आयुर्वेद से जुड़ी सामग्रियों से समृद्ध करने की आवश्यकता है।

मंत्री श्री परमार ने कहा कि हम सभी की सहभागिता से, अपने पूर्वजों के ज्ञान के आधार पर पुनः विश्वमंच पर सिरमौर राष्ट्र का पुनर्निर्माण होगा। इसके लिए स्वाभिमान के साथ हर क्षेत्र में अपने परिश्रम और तप से आगे बढ़कर, विश्वमंच पर अपनी मातृभूमि का परचम लहराना होगा। अपनी गौरवशाली सभ्यता, भाषा, इतिहास, ज्ञान और विज्ञान के आधार पर, हम सभी की सहभागिता से भारत पुनः "विश्वगुरु" बनेगा। भारत अपने पुरुषार्थ से, वर्ष 2047 तक ऊर्जा एवं खाद्यान्न के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर होगा और विश्व के अन्य देशों की पूर्ति में सामर्थ्यवान देश बनेगा।

इस अवसर पर सबलगढ़ विधायक श्रीमति सरला बिजेंद्र रावत, राजस्थान से पधारी समाज सेविका एवं मिस इंडिया (2019) सुश्री जया मीणा, सहायक पुलिस आयुक्त जहांगीराबाद (भोपाल) सुश्री सुरभि मीणा, सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर श्री नीरज मीणा एवं संगठन के प्रदेशाध्यक्ष श्री राम घुनावत सहित समाज के वरिष्ठजन, संगठन के विभिन्न पदाधिकारीगण एवं सामाजिक बंधु-भगिनी एवं युवा उपस्थित थे। 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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