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नीतीश का वार: कहा- राजद के परिवारवाद ने विकास की रफ्तार रोकी

सासाराम
बिहार चुनाव के प्रचार अभियान के अंतिम दिन रविवार को सभी दलों के नेताओं ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव, राहुल गांधी, और मुकेश सहनी चुनावी प्रचार में उतरे, तो एनडीए की ओर से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, एमपी के सीएम मोहन यादव, और बिहार के सीएम नीतीश कुमार विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचे। परिवारवाद को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने रोहतास के विक्रमगंज, नोखा, और करगहर में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए राजद पर निशाना साधा। 

उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने साल 2005 से बिहार में विकास की नई शुरुआत की थी, जब राज्य पूरी तरह बदहाली में था। उन्होंने याद दिलाया कि पहले के शासनकाल में न तो सड़कें थीं, न कानून-व्यवस्था, और लोग शाम ढलते ही घरों से निकलने से डरते थे। उन्होंने कहा कि पहले सत्ता में रहने वालों ने सिर्फ परिवारवाद को बढ़ावा दिया, राज्य के विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने राजद प्रमुख लालू यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि जब उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा तो उन्होंने अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बना दिया और सरकार को परिवार तक सीमित कर दिया। उन्होंने कहा कि आज वही लोग फिर से सत्ता में आने का सपना देख रहे हैं, लेकिन बिहार की जनता अब सब कुछ समझ चुकी है। अब जनता जानती है कि किसने विकास किया और किसने सिर्फ नारे दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने बिहार को अंधकार से निकालकर शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं में सुधार किया ताकि लोग सम्मान के साथ जीवन जी सकें। 2005 में एनडीए की सरकार बनने के बाद उन्होंने राज्य में कानून-व्यवस्था को सुधारने को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा, "हमने अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की, पुलिस की जिम्मेदारी तय की और लोगों को भरोसा दिलाया कि अब बिहार में कानून का राज होगा। एनडीए के शासनकाल में लोग बेखौफ होकर यात्रा कर सकते हैं।" मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोगों से बिहार की विकास यात्रा में सहभागी बनकर विकसित बिहार बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि बिहार में सबके लिए काम हुआ है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने हमेशा ‘विकास के साथ न्याय’ के सिद्धांत पर काम किया है। हमने गरीबों, दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को सशक्त किया है। पंचायती राज में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, जिससे वे निर्णय प्रक्रिया का हिस्सा बन सकीं। सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया गया।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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