दिल्ली ब्लास्ट से जुड़े 4 डॉक्टरों का हरियाणा अस्पताल से संबंध, पुलिस ने फरीदाबाद और पुलवामा में छापेमारी की

नईदिल्ली / फरीदाबाद
दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार शाम हुए कार ब्लास्ट ने राजधानी को दहला दिया. शाम 6:52 बजे हुए इस विस्फोट में 9 लोगों की मौत और 20 घायल हुए. विस्फोट इतना भीषण था कि आसपास की जमीन कांप उठी और पूरा इलाका अफरातफरी में बदल गया. जांच में सामने आया है कि जिस हुंडई i20 कार में ब्लास्ट हुआ, वह घटना से पहले करीब 3 घंटे तक सुनहरी मस्जिद के पास पार्क थी. धमाके के बाद जांच में जुटी दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के हाथों कुछ ऐसे अहम सुराग लगे हैं, जिसके आधार पर शक पैदा हो रहा है कि ये ब्लास्ट फिदायीन आतंकी हमला हो सकता है.
दिल्ली धमाके में डॉक्टर्स कनेक्शन
जानने वाली बात है कि धमाके से ठीक पहले सोमवार सुबह को ही जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद पुलिस ने एक ज्वाइंट ऑपरेशन में दो अलग घरों से 2,900 किलो आईईडी बनाने वाला केमिकल, हथियार और गोला-बारूद बरामद किया था. यह कार्रवाई जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसर गजवात-उल-हिंद (AGuH) से जुड़े एक अंतरराज्यीय आतंकी नेटवर्क के भंडाफोड़ के दौरान हुई थी. इस बरामदगी और दिल्ली धमाके के बीच समय की नजदीकी ने एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है.
साथ ही इस आतंकी हमले में एक डॉक्टर्स कनेक्शन सामने आ रहा है. यानी इस धमाके का कोई भी एक तार पकड़ा जाए तो वह किसी न किसी ऐसे शख्स से जुड़ जा रहा है जो पेशे से डॉक्टर है.
डॉ. आदिल अहमद के लॉकर में AK-47
धमाके से पहले के घटनाक्रम में सबसे पहले अनंतनाग में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डॉ. आदिल अहमद राठर को गिरफ्तार किया.वह अनंतनाग मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर था और उसके लॉकर से पुलिस को AK-47 राइफल मिली था. राठर का संबंध जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवात-उल-हिंद से पाया गया.
महिला डॉक्टर की कार में मिली असॉल्ट राइफल
दूसरी गिरफ्तारी 7 नवंबर को हरियाणा के फरीदाबाद से हुई . यहां अल-फलाह यूनिवर्सिटी में ही कार्यरत लखनऊ की एक महिला डॉक्टर शाहीन शाहिद की कार से 'कैरोम कॉक' नाम की असॉल्ट राइफल मिली. पुलिस अभी यह पता लगाने में जुटी है कि उसका इस पूरी नेटवर्क में क्या रोल था. फिलहाल उसकी पहचान और तस्वीर सार्वजनिक नहीं की गई है.
'रिसिन' जहर बना रहा था डॉ. अहमद मोहियुद्दीन
7 नवंबर को ही गुजरात एटीएस ने अहमद मोहियुद्दीन सैयद नाम के डॉक्टर को पकड़ा. यह डॉक्टर हैदराबाद का रहने वाला है और चीन से पढ़ाई कर चुका है. जांच में पता चला कि वह 'रिसिन' नाम के बेहद जहरीले ज़हर की तैयारी कर रहा था, जो अरंडी के बीजों से बनता है. उसने दिल्ली के आज़ादपुर मंडी, अहमदाबाद के नरोडा फ्रूट मार्केट और लखनऊ के आरएसएस कार्यालय जैसी भीड़भाड़ वाली जगहों की कई महीनों तक रेकी की थी.
डॉ.मुझमिल के पास मिला 2900 kg विस्फोटक
इसी ऑपरेशन में 10 नवंबर को चौथी अहम गिरफ्तारी भी फरीदाबाद से ही हुई. यहां डॉ. मुझमिल शकील नाम का कश्मीर का डॉक्टर पकड़ा गया. वह भी अल-फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाता था. उसके पास से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट मिला, जो बम बनाने में इस्तेमाल होता है. फिर मुझमिल के ही दूसरे ठिकाने से 2563 किलो विस्फोटक बरामद किया गया. फरीदाबाद पुलिस ने बताया कि शकील कासंबंध जैश जैसे प्रतिबंधित संगठनों से है और वह भी पहले श्रीनगर में आतंकी पोस्टर लगाने में शामिल रहा था. उसकी पहचान अनंतनाग में पकड़े गए अदील अहमद राठर से मिली जानकारी के बाद हुई.
डॉ. उमर मोहम्मद के नाम पर थी ब्लास्ट हुई कार i20
इधर, जांच एजेंसियों के अनुसार, लाल किले के पास जिस कार में विस्फोट हुआ वह दक्षिण कश्मीर के पुलवामा निवासी डॉ. उमर मोहम्मद के नाम पर दर्ज है, जो कार धमाके के समय कार में मौजूद था.
पकड़े गए सारे डॉक्टर न केवल आतंकी संगठनों के संपर्क में थे, बल्कि खुद हथियार और जहरीले केमिकल तैयार कर रहे थे. इन गिरफ्तारियों से एक चीज साफ हो रही है कि आतंक अब देश के प्रतिष्ठित शिक्षित वर्ग में भी अपनी जड़े जमा रहा है यानी शिक्षा का उपयोग सफेद कोट में काले कारनामों के लिए किया जा रहा है.
आतंकियों के लखनऊ और लखीमपुर से ऐसे जुड़ रहे तार, सीएम योगी का अधिकारियों को सख्त आदेश
दिल्ली में हुए धमाके के बाद जांच एजेंसियों की नजर अब उत्तर प्रदेश पर भी टिक गई है. आतंकी नेटवर्क के तार लखनऊ और लखीमपुर तक जुड़ते दिखाई दे रहे हैं. अहमदाबाद से गिरफ्तार तीन संदिग्धों में एक लखीमपुर के निघासन इलाके का रहने वाला है, जबकि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लखनऊ की रहने वाली महिला डॉक्टर को गिरफ्तार किया है. दोनों मामलों के बीच मिली कड़ियों ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है.
लखीमपुर का युवक गुजरात में गिरफ्तार
बीते रविवार को गुजरात एटीएस ने अहमदाबाद से आईएसकेपी मॉड्यूल से जुड़े तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया. इनमें से एक आरोपी मोहम्मद सोहेल, लखीमपुर खीरी जिले के निघासन तहसील के सिंगाही थाना क्षेत्र के झाला गांव का रहने वाला है. सोहेल के परिवार के मुताबिक, वह तीन साल पहले मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना कस्बे में जामिया दारुल उलूम अजीजिया नामक मदरसे में हाफिज की पढ़ाई करने गया था. सोहेल का परिवार गरीब है. पिता सलीम ट्रैक्टर मैकेनिक हैं. घर में मां रुखसाना, छोटे भाई वसीम और बड़े भाई की पत्नी रहती हैं. बड़ा भाई सुम्मी तमिलनाडु में कपड़ा फैक्ट्री में काम करता है. तीन साल पहले सोहेल के एक भाई की करंट लगने से मौत हो चुकी है.
परिवार ने बताया कि सोहेल आखिरी बार जून महीने में घर आया था और कुछ दिन रुकने के बाद जुलाई में वापस पढ़ाई के लिए गया था. तब से वह वहीं रह रहा था. परिवार का कहना है कि बेटे ने एक सप्ताह पहले फोन पर बताया था कि वह गुजरात किसी काम से जा रहा है. उन्होंने कहा कि सोहेल फरवरी में पढ़ाई पूरी कर रमजान से पहले घर लौटने वाला था.
सुलेमान शेख से भी कनेक्शन
गुजरात एटीएस ने जिस मॉड्यूल को पकड़ा है, उसमें लखीमपुर के सोहेल के साथ शामली जिले के चरन गांव का सुलेमान शेख भी शामिल है. सुलेमान भी मुजफ्फरनगर के उसी मदरसे में पढ़ाई कर रहा था, जहां से सोहेल पढ़ रहा था. दोनों की मुलाकात वहीं हुई और धीरे-धीरे दोस्ती बढ़ी. जांच एजेंसियों को शक है कि इन्हीं दोनों के जरिए अहमदाबाद में सक्रिय मॉड्यूल को यूपी से संपर्क मिला.
लखनऊ की महिला डॉक्टर गिरफ्तार
उधर, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लखनऊ के लालबाग इलाके की रहने वाली डॉक्टर शाहीन शाहिद को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक शाहीन की कार का इस्तेमाल डॉ. मुजामिल नाम के व्यक्ति द्वारा किया जाता था. इसी कार से राइफल और जिंदा कारतूस बरामद किए गए. यह वही कार थी, जो हाल ही में श्रीनगर में एक संदिग्ध ठिकाने से जब्त की गई थी. पुलिस सूत्रों के अनुसार, मुजामिल लंबे समय से आतंकवादी संगठनों के संपर्क में था और कई बार लखनऊ आया भी था. कार में बरामद हथियारों के बाद जब वाहन का रजिस्ट्रेशन जांचा गया तो उसका नाम डॉक्टर शाहीन के नाम पर निकला. जांच में सामने आया कि शाहीन और मुजामिल एक-दूसरे को जानते थे और कई बार एक साथ देखे गए थे. जम्मू-कश्मीर पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि क्या शाहीन को इस बात की जानकारी थी कि उसकी कार का इस्तेमाल हथियार लाने-लेजाने में हो रहा है या नहीं.
आतंकी नेटवर्क के फैलते तार
जांच एजेंसियों का मानना है कि हाल के महीनों में उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों से आतंकी संगठनों ने अपनी जड़ें फैलाने की कोशिश की है. सीमावर्ती जिलों जैसे लखीमपुर, सिद्धार्थनगर और श्रावस्ती पर विशेष नजर रखी जा रही है. सूत्रों का कहना है कि इन इलाकों में कुछ कट्टरपंथी तत्व युवाओं को बरगलाकर ऑनलाइन माध्यम से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
परिजनों ने कहा बेटा निर्दोष है
आज तक की टीम जब सिंगाही गांव पहुंची तो घर के बाहर एक छोटी सी दुकान पर तस्बीह, टोपी और धार्मिक किताबें रखी थीं. अंदर बीमार पिता सलीम और मां रुखसाना बैठे मिले. दोनों के चेहरे पर चिंता साफ दिख रही थी. रुखसाना ने बताया, बेटा पढ़ने गया था, कभी किसी गलत रास्ते पर नहीं गया. उसने एक हफ्ता पहले ही फोन किया था कि पैसे भेज दो, सर्दी के कपड़े लेने हैं. वह फरवरी में वापस आने वाला था. हमें समझ नहीं आ रहा कि वह अहमदाबाद कैसे पहुंच गया. परिवार का कहना है कि बेटे को किसी साजिश के तहत फंसाया गया है. सलीम ने कहा, हमारा बेटा दोस्ती-यारी में फंस गया है, वह आतंकी नहीं हो सकता.
सीएम योगी ने दिए सख्त निर्देश
दिल्ली धमाके के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण से घटना की जानकारी ली और पूरे प्रदेश को हाई अलर्ट पर रखने के आदेश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा है कि किसी भी स्थिति में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सभी जिलों में संवेदनशील इलाकों की निगरानी बढ़ाई जाए, और पुलिस अधिकारी खुद फील्ड में रहकर जांच और पेट्रोलिंग करें. मुख्यमंत्री के आदेश के बाद डीजीपी ने सभी जिलों को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है:
– सभी वरिष्ठ अधिकारी फील्ड में रहकर बाजारों, धार्मिक स्थलों और सार्वजनिक स्थानों का निरीक्षण करें.
– सभी भीड़भाड़ वाले इलाकों में गश्त और चेकिंग बढ़ाई जाए.
– वाहनों और संदिग्ध व्यक्तियों की सघन तलाशी हो.
– मेट्रो, बस अड्डे, रेलवे स्टेशन, मॉल और सिनेमा हॉल में सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ की जाए.
– एटीएस, क्यूआरटी, बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वॉड को अलर्ट पर रखा जाए.
– सीसीटीवी फुटेज की निगरानी बढ़ाई जाए और रीयल-टाइम विश्लेषण किया जाए.
– सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो.
– यूपी 112 की गाड़ियां लगातार पेट्रोलिंग पर रहें.




