राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

AK-47 से ‘रिसिन’ तक! 4 डॉक्टरों की गिरफ्तारी ने खोले आतंक कनेक्शन के चौंकाने वाले राज

नई दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास एक ट्रैफिक सिग्नल पर सोमवार शाम को धीमी गति से चल रही कार में हुए भीषण विस्फोट में 9 लोगों की मौत हो गई। इस विस्फोट में 20 लोग घायल भी हुए हैं। विस्फोट में कई वाहन जल गए। जांच में सामने आया है कि जिस हुंडई i20 कार में विस्फोट हुआ, वह घटना से करीब तीन घंटे पहले सुनहरी मस्जिद के पास पार्क की गई थी। अब दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल को कुछ ऐसे सुराग मिले हैं, जिनसे शक गहराता जा रहा है कि यह हमला एक फिदायीन आतंकी साजिश का हिस्सा हो सकता है।

 डॉक्टर्स नेटवर्क से जुड़ा आतंकी कनेक्शन
धमाके की जांच के दौरान सुरक्षा एजेंसियों को एक चौंकाने वाला ‘डॉक्टर्स नेटवर्क’ मिला है। जांच में सामने आया है कि इस साजिश के हर तार किसी न किसी डॉक्टर से जुड़ रहे हैं — कोई मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर है, तो कोई रिसर्चर या प्रैक्टिसिंग डॉक्टर। इससे पहले सोमवार सुबह ही जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद पुलिस ने एक ज्वाइंट ऑपरेशन में 2,900 किलो विस्फोटक बनाने वाला केमिकल, हथियार और गोला-बारूद बरामद किया था। यह कार्रवाई जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसर गजवात-उल-हिंद (AGuH) से जुड़े अंतरराज्यीय नेटवर्क के खुलासे के दौरान हुई। इस बरामदगी और दिल्ली धमाके के बीच की समय-निकटता ने एजेंसियों की चिंता और बढ़ा दी है।

डॉ. आदिल अहमद राठर: मेडिकल कॉलेज से AK-47 बरामद
 जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग मेडिकल कॉलेज में कार्यरत डॉ. आदिल अहमद राठर को पुलिस ने सबसे पहले गिरफ्तार किया। उसके लॉकर से AK-47 राइफल मिली। जांच में राठर के जैश और अंसर गजवात-उल-हिंद से जुड़े होने के प्रमाण मिले हैं।
 
डॉ. शाहीन शाहिद: महिला डॉक्टर की कार में असॉल्ट राइफल
7 नवंबर को हरियाणा के फरीदाबाद से दूसरी गिरफ्तारी हुई। यहां अल-फलाह यूनिवर्सिटी में कार्यरत लखनऊ निवासी डॉ. शाहीन शाहिद की कार से ‘कैरोम कॉक’ नाम की असॉल्ट राइफल बरामद की गई। पुलिस अभी यह पता लगाने में जुटी है कि नेटवर्क में उसकी भूमिका क्या थी। उसकी पहचान फिलहाल गुप्त रखी गई है।
 
डॉ. अहमद मोहियुद्दीन सैयद: बना रहा था ‘रिसिन’ जहर
इसी दिन गुजरात एटीएस ने हैदराबाद के रहने वाले डॉ. अहमद मोहियुद्दीन सैयद को गिरफ्तार किया। वह चीन से मेडिकल पढ़ाई कर चुका है और जांच में सामने आया कि वह ‘रिसिन’ नाम के घातक जहर की तैयारी कर रहा था। यह जहर अरंडी के बीजों से बनता है और बेहद खतरनाक माना जाता है। मोहियुद्दीन ने दिल्ली के आज़ादपुर मंडी, अहमदाबाद के नरोडा मार्केट और लखनऊ के आरएसएस कार्यालय जैसी भीड़भाड़ वाली जगहों की कई महीनों तक रेकी की थी।

डॉ. मुझमिल शकील: 2,900 किलो विस्फोटक बरामद
10 नवंबर को चौथी गिरफ्तारी भी फरीदाबाद से हुई। यहां अल-फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाला डॉ. मुझमिल शकील पकड़ा गया। उसके पास से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट मिला, जबकि उसके ठिकाने से 2,563 किलो विस्फोटक बरामद किया गया। फरीदाबाद पुलिस के मुताबिक, मुझमिल के तार भी जैश से जुड़े हैं और वह श्रीनगर में आतंकी पोस्टर लगाने जैसी गतिविधियों में शामिल रहा था। उसकी गिरफ्तारी अदिल राठर से मिली जानकारी के आधार पर हुई।
 
डॉ. उमर मोहम्मद: ब्लास्ट हुई कार उसी के नाम पर
जांच एजेंसियों के अनुसार, लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास जिस i20 कार में विस्फोट हुआ, वह दक्षिण कश्मीर के पुलवामा निवासी डॉ. उमर मोहम्मद के नाम पर रजिस्टर्ड थी। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, धमाके के वक्त वह कार में मौजूद था।

शिक्षित आतंक: सफेद कोट में काले कारनामे
जांच से साफ है कि पकड़े गए सभी डॉक्टर सिर्फ आतंकी संगठनों के संपर्क में नहीं थे, बल्कि हथियार और केमिकल खुद तैयार कर रहे थे। इन खुलासों ने सुरक्षा एजेंसियों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि अब आतंकवाद देश के शिक्षित तबके में भी अपनी जड़ें फैला रहा है जहां शिक्षा का इस्तेमाल सफेद कोट में काले कारनामे करने के लिए हो रहा है।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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