EPFO का बड़ा फैसला: अब निकाल सकेंगे 100% PF पैसा, जानें नई व्यवस्था की पूरी डिटेल

पटना
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने सदस्यों के लिए भविष्य निधि (पीएफ) की आंशिक निकासी प्रक्रिया को और सरल एवं उदार बनाया है। संगठन ने पूर्व में लागू 13 अलग-अलग प्रावधानों को घटाकर अब तीन मुख्य आवश्यकताओं – शिक्षा, गृह कार्य एवं विशेष परिस्थितियों – में वर्गीकृत किया है।
नई व्यवस्था के तहत सदस्य अब अपनी भविष्य निधि शेष राशि (नियोक्ता और कर्मचारी के अंशदान सहित) का 100 प्रतिशत तक उपयोग इन तीनों जरूरतों में कर सकेंगे। शिक्षा से संबंधित निकासी की सीमा को 3 से बढ़ाकर 10 बार, जबकि विवाह के लिए निकासी की सीमा को 3 से बढ़ाकर 5 बार तक कर दिया गया है। इन सभी प्रकार की निकासी के लिए न्यूनतम सेवा अवधि 12 माह निर्धारित की गई है।
पहले विशेष परिस्थितियों जैसे प्राकृतिक आपदा, कंपनी बंद होने, तालाबंदी, महामारी या सतत बेरोजगारी की स्थिति में दावे के साथ कारण बताना आवश्यक था। अब कारण बताने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है, जिससे दावों के निरस्त होने की संभावना कम होगी।
संगठन ने यह भी प्रावधान किया है कि सदस्यों के खातों में कम से कम 25 प्रतिशत राशि भविष्य निधि के रूप में सुरक्षित रखी जाए। इसके साथ ही, सम्पूर्ण पीएफ निकासी के न्यूनतम अंतराल को 2 माह से बढ़ाकर 12 माह और पेंशन फंड की निकासी के अंतराल को 2 माह से बढ़ाकर 36 माह कर दिया गया है।
पहले सदस्य 2 माह बाद पूरी पेंशन राशि निकाल लेते थे, जिससे नई नौकरी लगने पर सेवा की निरंतरता टूट जाती थी और वे पेंशन लाभ से वंचित रह जाते थे। नई नीति से अब निरंतर सेवा सुनिश्चित होगी और अधिक सदस्य पेंशन के पात्र बन सकेंगे।
ईपीएफओ के क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त-1 हेमन्त कुमार ने बताया कि इस सुधार से निकासी प्रक्रिया पारदर्शी होगी, दावों का शत प्रतिशत निपटारा सुनिश्चित किया जा सकेगा और सदस्यों की शिकायतों में उल्लेखनीय कमी आएगी।




