शिक्षा

स्वास्थ्य विभाग में 287 डॉक्टरों की भर्ती: MBBS पास करें आवेदन, PG अभ्यर्थियों को वरीयता

देहरादून

उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में खाली चल रहे डॉक्टरों के 287 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो गई है। गुरुवार को चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड की ओर से इन पदों को भरने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई। स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि कुल 287 पदों में से 231 पद सीधी भर्ती जबकि 56 बैकलॉग के पद हैं। सामान्य वर्ग के लिए 141, एससी के 70, एसटी के 11, ओबीसी के 38 और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 27 पद हैं। उन्होंने कहा कि इन पदों के भर जाने के बाद राज्य में एमबीबीएस के सभी पद भर जाएंगे। उन्होंने कहा कि भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 10 दिसम्बर 2025 है।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में टेक्नीशियन संवर्ग का ढांचा बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शासन के अधिकारियों के साथ बैठक में इस संदर्भ में चर्चा कर निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में टेक्नीशियन के पद बड़े अस्पतालों में ही हैं। इससे जहां मरीजों को जांच में परेशानियों का सामना करना पड़ता है वहीं युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी कम हैं। ऐसे में छोटे अस्पतालों में भी जांच की सुविधा विकसित करने का निर्णय लिया गया है।

प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए सरकार सेना के रिटायर डॉक्टरों को तैनाती देगी। स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने अधिकारियों को इसके लिए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए कई स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। यू कोड वी पे के तहत संविदा पर डॉक्टरों की तैनाती के साथ ही सेना के रिटायर डॉक्टरों को भी पहाड़ के अस्पतालों में तैनाती का विकल्प दिया जाएगा। ऐसे डॉक्टरों को पेंशन के साथ ही संविदा का पूरा वेतन भी दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सेना में काम कर चुके डॉक्टरों को 70 साल की उम्र तक अस्पतालों में तैनाती की छूट दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार का मकसद राज्य के आम लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है और इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की समस्या को हमेशा के लिए खत्म करने के लिए पीजी की सीट बढ़ाने पर भी फोकस किया जा रहा है। डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि 2027 तक राज्य में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी काफी हद तक दूर होने की उम्मीद है।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button