क्या हेल्थ इंश्योरेंस में नी रिप्लेसमेंट सर्जरी कवर की जाती है,जानिए
हेल्थ इंश्योरेंस पालिसी सोच समझ कर लें

मुम्बई -घुटने का दर्द आपके रोज़मर्रा के जीवन को कई तरह से प्रभावित कर सकता है, जिससे चलना, सीढ़ियां चढ़ना या यहां तक कि बैठना भी मुश्किल हो जाता है. उम्र बढ़ने पर घुटनों में दर्द ज़्यादा होने लगता है, खासकर जब किसी को आर्थराइटिस हो या चोट लगी हो. नी रिप्लेसमेंट सर्जरी अक्सर दर्द से राहत और दोबारा चलने-फिरने की क्षमता वापस पाने का सबसे अच्छा तरीका होता है. भारत में इस प्रक्रिया की लागत हॉस्पिटल, शहर और सर्जरी के प्रकार के आधार पर ₹1.5 लाख से ₹6 लाख के बीच हो सकती है.
प्राइवेट और नियोक्ता द्वारा दिए जाने वाले अधिकांश हेल्थ इंश्योरेंस प्लान, मेडिकल रूप से आवश्यक होने पर घुटने के रिप्लेसमेंट को कवर करते हैं, जिसमें आंशिक और फुल दोनों तरह के रिप्लेसमेंट शामिल हैं. हालांकि, कवरेज में कुछ शर्तें हो सकती हैं, जैसे प्रतीक्षा अवधि (आमतौर पर 2 से 4 वर्ष), एक्सक्लूज़न, प्री-ऑथोराइज़ेशन और रीहैबिलिटेशन लिमिट, नियोक्ता द्वारा दिए जाने वाले कुछ इंश्योरेंस में नी रिप्लेसमेंट सर्जरी के खर्च पर एक सब-लिमिट भी हो सकती है.
नी रिप्लेसमेंट सर्जरी क्या है और मेडिकल रूप से इसे कब कराने की सलाह दी जाती है?
नी रिप्लेसमेंट सर्जरी, जिसे आर्थोप्लास्टी भी कहा जाता है, एक ऐसा प्रक्रिया है जिसमें घुटने के जोड़ों के खराब या क्षतिग्रस्त हिस्सों को निकालकर उनकी जगह कृत्रिम हिस्से (प्रोस्थेसिस) लगाए जाते हैं. यह स्थिति अक्सर ऑस्टियोआर्थराइटिस, रूमेटॉइड आर्थराइटिस या चोटों के कारण होती है. इसकी सलाह तब दी जाती है जब घुटने का दर्द और अकड़न रोज़मर्रा की गतिविधियों पर बहुत बुरा असर डालती हो और दवा या फिजियोथेरेपी जैसे गैर-सर्जिकल उपचार भी काम न कर पाएं.
यह सर्जरी दो तरह की हो सकती है आंशिक, जिसमें सिर्फ घुटने के खराब हिस्से को बदला जाता है, या फिर पूरी, जिसमें पूरा घुटना बदल दिया जाता है. सर्जरी कराने का फैसला इस बात पर निर्भर करता है कि दर्द और अन्य लक्षण आपकी चलने-फिरने की क्षमता और पूरी जिंदगी की गुणवत्ता को कितना प्रभावित कर रहे हैं.
कॉम्प्रिहेंसिव प्लान के मुख्य लाभः-
कैशलेस ट्रीटमेंट – अगर आप किसी नेटवर्क हॉस्पिटल को चुनते हैं और अपनी सर्जरी को पहले से शिड्यूल करते हैं, तो इंश्योरर सीधे हॉस्पिटल के साथ बिल सेटल कर सकता है.
मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए कवरेज इसमें इन-पेशेंट हॉस्पिटलाइज़ेशन और कुछ डे-केयर प्रोसीजर के साथ-साथ कंसल्ट्रेशन, टेस्ट् और फॉलोअप जैसे प्री-हॉस्पिटलाइज़ेशन और पोस्ट्-डिस्चार्ज लागत भी शामिल हो सकती हैं.
प्रतीक्षा अवधि – कई इंश्योरर घुटने बदलने के कवरेज के लिए 2 से 4 वर्ष की प्रतीक्षा अवधि रखते हैं. सबसे कम प्रतीक्षा अवधि वाला प्लान देखें.
कवरेज लिमिट कुछ पॉलिसी केवल लागत के 50% को कवर करती हैं. सबसे अधिक लाभ वाले फ्नान खोजने के लिए प्लान की तुलना करें. फॉलो-अप और चेक-अप के लिए, आपको ओपीडी कवर की आवश्यकता हो सकती है.
पहले, अस्पष्ट नियमों के कारण क्लेम अस्वीकार हो जाया करते थे, लेकिन अब अधिकांश प्रमुख इंश्योरर पॉलिसी की शर्तों के अनुसार इसे कवर करते हैं. पुराने इंश्योरेंस प्लान केवल लागत के लगभग 50% को कवर कर सकते हैं,
इसलिए अपने पॉलिसी डॉक्यूमेंट को ध्यान से चेक करना ज़रूरी है. कवरेज लिमिट, प्री-ऑथराइज़ेशन आवश्यकताएं और सर्जरी के बाद के लाभ जैसे विवरणों को रिव्यू करना यह सुनिश्चित करता है कि आप फाइनेंशियल रूप से तैयार हैं और बिना किसी परेशानी के इलाज प्राप्त कर सकते हैं.
एक दशक पहले तक, नी रिप्लेसमेंट सर्जरी को अक्सर वैकल्पिक माना जाता था. लेकिन अब, इंश्योरर इसकी अहमियत समझने लगे हैं. क्योंकि कॉम्प्रिहेंसिव प्लान आर्थोप्लास्ट्री को कवर करते हैं, इसलिए यह ज़रूरी है कि आप अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करें.
लेखक-भास्कर नेरुरकर, हेड – हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन टीम, बजाज आलियांज़ जनरल इंश्योरेंसलिमिटेड (पूर्व नाम बजाज आलियांज़ जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड)




