अल्जाइमर: जानिए किन लोगों में जोखिम ज्यादा और बीमारी से पहले लक्षण कैसे पहचाने नई तकनीक से

नई दिल्ली
क्या कोई बीमारी अपने लक्षण दिखने से कई साल पहले ही पकड़ी जा सकती है। अल्जाइमर के मामले में अब यह संभव होता दिखाई दे रहा है। शोधकर्ताओं ने ऐसा उन्नत मॉडल तैयार किया है, जो बीमारी का जोखिम लक्षण आने से लगभग 10 वर्ष पहले ही बता सकता है।
यह खोज मेडिकल साइंस के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि समय रहते रोकथाम और उपचार की दिशा में कदम उठाए जा सकते हैं।
क्या है यह नया भविष्यवाणी मॉडल?
अमेरिकाके वैज्ञानिकों ने एक प्रेडिक्शन मॉडल विकसित किया है, जो कई प्रमुख कारकों का विश्लेषण कर अल्जाइमर या हल्की संज्ञानात्मक हानि का खतरा बताता है। यह मॉडल व्यक्ति के मस्तिष्क स्वास्थ्य की जाँच कर लंबे समय तक होने वाली संज्ञानात्मक गिरावट का अनुमान लगाता है।
इस मॉडल में शामिल प्रमुख कारक
उम्र और लिंग
आनुवांशिक जोखिम (APOE e4 वेरिएंट)
मस्तिष्क में एमिलॉयड प्रोटीन का स्तर
PET स्कैन की रिपोर्ट
इन सभी संकेतों के आधार पर यह उपकरण किसी व्यक्ति के 10 वर्षों या पूरे जीवनकाल में बीमारी के खतरे का आकलन करता है।
5,858 लोगों के डेटा पर आधारित शोध
यह अध्ययन द लैन्सेट न्यूरोलॉजी में प्रकाशित हुआ है। शोधकर्ताओं ने कुल 5,858 प्रतिभागियों के लंबे समय से एकत्र किए गए डेटा का विश्लेषण किया, जो Mayo Clinic Study of Aging से लिया गया था।
ध्यान रखने योग्य बातें
APOE e4 जीन वाले लोगों में अल्जाइमर का खतरा अधिक पाया गया।
महिलाएं, पुरुषों की तुलना में जीवनभर हल्की संज्ञानात्मक हानि या अल्जाइमर के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकती हैं।
PET स्कैन में यदि एमिलॉयड स्तर अधिक मिले, तो डिमेंशिया या स्मृति हानि का जोखिम भी बढ़ जाता है।
कैसे काम करता है यह उपकरण?
PET स्कैन मस्तिष्क में जमा एमिलॉयड प्रोटीन की पहचान करता है, जो अल्जाइमर के शुरुआती बदलावों का मुख्य संकेत है। नया मॉडल इसी जानकारी को उम्र, आनुवांशिक जोखिम और अन्य कारकों के साथ मिलाकर एक स्पष्ट जोखिम प्रोफाइल तैयार करता है।
यह मॉडल बताने में सक्षम है कि अगले 10 वर्षों में व्यक्ति को हल्की संज्ञानात्मक हानि होगी या नहीं। उसके पूरे जीवनकाल में डिमेंशिया विकसित होने की संभावना कितनी है। इससे डॉक्टर समय रहते आवश्यक हस्तक्षेप, दवाइयां, ब्रेन एक्सरसाइज, शारीरिक सक्रियता या जीवनशैली सुधार की सलाह दे सकते हैं।
डॉक्टरों और रोगियों के लिए बड़ी उपलब्धि
शोधकर्ताओं के अनुसार, यह तकनीक व्यक्तिगत स्वास्थ्य देखभाल को एक नई दिशा दे सकती है। जिस तरह कोलेस्ट्रॉल देखकर हार्ट अटैक के जोखिम का आकलन किया जाता है, उसी प्रकार यह मॉडल भी मस्तिष्क स्वास्थ्य का व्यक्तिगत पूर्वानुमान देने में सक्षम होगा।
हालांकि अभी यह शोध चरण में है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह अल्जाइमर की शुरुआती पहचान और रोकथाम में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।
क्यों है यह खोज महत्वपूर्ण?
अल्जाइमर का अभी कोई पूर्ण उपचार नहीं है, लेकिन यदि शुरुआती जोखिम समय से पहले पता चल जाए तो बीमारी की प्रगति को धीमा किया जा सकता है, जीवनशैली में आवश्यक बदलाव किए जा सकते हैं, मरीज और परिवार मानसिक रूप से तैयार हो सकते हैं।




