राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

जिला स्तर पर आर्थिक आंकड़ों के प्रभावी उपयोग के लिए उन्नत तकनीक का हो इस्तेमालः प्रमुख सचिव नियोजन

-सांख्यिकीय अधिकारियों के सुदृढ़ीकरण पर केंद्रित विशेष कार्यशाला में प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव व निर्देश

कार्यशाला में जनपदीय/ मंडलीय अधिकारियों को ओ.टी.डी. सेल की बैठकों की समीक्षा कराते हुए अपेक्षित सुधार की आवश्यकता पर दिया गया बल

जनपद स्तर पर तैयार किये जा रहे ‘जिला आर्थिक प्रतिवेदन’ को विकास तथा समावेशी बनाने की आवश्यकता को किया गया रेखांकित

जिला घरेलू उत्पाद (DDP) अनुमान, जिला ओ.टी.डी. सेल, डी.डी.पी. टूलकिट एवं वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण की उपयोगिता के विषय में कराया गया अवगत

कार्यशाला में नियोजन विभाग के महत्त्व को रेखांकित करते हुए दायित्वों के तत्परता से निर्वहन के लिए अधिकारियों को किया गया निर्देशित

लखनऊ
प्रदेश को 'वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी' बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार ने सांख्यिकीय अधिकारियों के सुदृढ़ीकरण पर केंद्रित विशेष कार्यशाला का आयोजन किया। शनिवार को योजना विभाग द्वारा योजना भवन, कक्ष संख्या 111, लखनऊ में 'फ्रॉम डाटा टू डेवलपमेंटः स्ट्रेंदनिंग डिस्ट्रिक्ट लेवल इकॉनमिक लाइट' विषय पर एकदिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला की अध्यक्षता प्रमुख सचिव, नियोजन आलोक कुमार द्वारा की गई तथा उन्होंने अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण सुझाव व निर्देश दिए। कार्यशाला का शुभारंभ अतिथि एवं क्षेत्रीय अधिकारियों के स्वागत से हुआ, जिसके बाद निदेशक, अर्थ एवं संख्या, अलका बहुगुणा ढौंडियाल ने कार्यशाला के उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए अवगत कराया कि बदलते परिवेश में नीतियों के प्रभावी एवं सटीक निर्धारण के लिए सांख्यिकीय आंकड़ों की विश्वसनीयता, गुणवत्ता, समयबद्धता तथा उनके समुचित उपयोग का सुनिश्चित होना अत्यंत आवश्यक है। 

जिला स्तर पर आर्थिक आंकड़ों की भूमिका पर बल
प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने अपने मुख्य वक्तव्य में जिला स्तर पर आर्थिक आंकड़ों की भूमिका और उनके प्रभावी उपयोग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने नवीन पद्धतियों एवं सुसंगत आंकड़ों के प्रयोग से जनपद/ मण्डल स्तर पर विकास को वांछनीय गति देने के लिए जिला/ मंडल प्रशासन को अवगत कराने तथा आवश्यकतानुसार उन्हें सकारात्मक हस्तक्षेप के लिए प्रेरित करने पर जोर दिया। साथ ही, प्रमुख सचिव द्वारा जनपदीय/ मंडलीय अधिकारियों से अपेक्षा की गयी कि ओ.टी.डी. सेल की बैठकों में तथ्यपरक समीक्षा कराते हुए अपेक्षित सुधार की आवश्यकता पर बल दिया। प्रमुख सचिव द्वारा ओ.टी.डी. मिशन को आर्थिक विकास मिशन के रूप में देखते हुए अपेक्षित कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया। 

‘जिला आर्थिक प्रतिवेदन’ से समावेशी विकास की राह होगी सुनिश्चित
कार्यशाला में जनपद स्तर पर तैयार किये जा रहे ‘जिला आर्थिक प्रतिवेदन’ के माध्यम से जनपद में कुशल नीतियों के निर्माण से विकास के साथ ही उसके समावेशी होने की प्रबल आवश्यकता को रेखांकित किया। जिला घरेलू उत्पाद (DDP) अनुमान, जिला ओ.टी.डी. सेल, डी.डी.पी. टूलकिट एवं वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण की जनपदीय विकास हेतु उपयोगिता को तथ्यपरक रूप में अवगत कराया। आलोक कुमार ने कहा कि जनपद स्तर पर सटीक आंकड़ों के प्रयोग से जनपद की विकास में सक्षम भागीदारी से प्रदेश के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा, जिससे राष्ट्रीय विकास की अवधारणा साकार होगी। प्रमुख सचिव ने नियोजन विभाग के महत्त्व को रेखांकित करते हुए प्रदेश के चौमुखी विकास में आंकड़ों के महत्त्व तथा अर्थ एवं संख्या प्रभाग के अति महत्वपूर्ण दायित्व के तत्परता से निर्वहन के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।

सभी अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारियों के लिए सजग रहने का निर्देश 
सचिव, नियोजन मासूम अली सरवर द्वारा सभी अधिकारियों से अपनी जिम्मेदारियों के लिए सजग एवं सचेत रहते हुए शासन की प्राथमिकता की योजनाओं को आंकड़ों के माध्यम से लागू किये जाने की अपेक्षा से अवगत कराते हुए सभी अधिकारियों का उत्साहवर्धन किया। साथ ही, उन्हें भविष्य में आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण/ वर्कशॉप के माध्यम से अपने को भिज्ञ एवं प्रासंगिक बनाए रखने पर विशेष बल दिया।

प्रदेश के डिजिटल पद्धति से आंकड़ों के एकत्रीकरण की प्रशंसा
आशीष कुमार, सेवानिवृत्त महानिदेशक, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम मंत्रालय द्वारा अपने उद्बोधन में प्रदेश के डिजिटल पद्धति से आंकड़ों के एकत्रीकरण जैसे नवाचार की प्रशंसा की एवं आंकड़ों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए पर्यवेक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। उनके द्वारा जिला घरेलू उत्पाद अनुमान की बहुचर्चित उत्तर प्रदेश की पुस्तिका की भी प्रशंसा करते हुए अवगत कराया गया उत्तर प्रदेश अनेक प्रदेशों के लिए प्रेरणास्रोत बन गया है। उनके द्वारा आगामी समय में संख्याविदों की सेवाओं की बढ़ती जिम्मेदारियों के प्रति सजग कराया गया।

तकनीकी सत्रों के माध्यम से कई विषयों पर की गई चर्चा
कार्यशाला में तकनीकी सत्रों के माध्यम से जिला घरेलू उत्पाद (DDP) अनुमान, जिला ओ.टी.डी. सेल, डी.डी.पी. टूलकिट, वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक, PLFS/ASUSE सर्वेक्षण, महिला आर्थिक सशक्तिकरण सूचकांक (WEE Index) एवं "विकसित उत्तर प्रदेश @2047" जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई। कार्यशाला में आशीष कुमार, सेवानिवृत्त महानिदेशक, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम मंत्रालय, भारत सरकार, मासूम अली सरवर, सचिव नियोजन/ महानिदेशक, अर्थ एवं संख्या प्रभाग, उत्तर प्रदेश, अक्षत वर्मा, विशेष सचिव, नियोजन विभाग, अलका बहुगुणा, निदेशक, अर्थ एवं संख्या प्रभाग, संजय कुमार श्रीवास्तव, अपर निदेशक, श्री आर.के. मिश्रा, अपर निदेशक एवं क्षेत्रीय उप निदेशक (अर्थ एवं संख्या) एवं अर्थ एवं संख्याधिकारी उपस्थित रहे।  

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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