राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

पुतिन का 30 घंटे का भारत दौरा: स्पेशल फूड से लेकर सुपर टाइट सिक्योरिटी तक, दिल्ली बनी किला

नई दिल्ली 
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4-5 दिसंबर को चार साल बाद भारत आ रहे हैं, और इस हाई-प्रोफाइल यात्रा के लिए दिल्ली को पूरी तरह हाई-सिक्योरिटी ज़ोन में बदल दिया गया है। रूस के लगभग 130 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ आने वाले पुतिन के लिए भारतीय और रूसी सुरक्षा एजेंसियां मिलकर मल्टी-लेयर सिक्योरिटी कवच तैयार कर चुकी हैं।

दिल्ली किले में बदली 
हाल ही में दिल्ली में हुए ब्लास्ट के बाद सुरक्षा पहले ही अलर्ट पर थी, अब पुतिन के दौरे को देखते हुए इसे और सख्त किया गया है। मुख्य सुरक्षा एजेंसियां NSG कमांडोज, SWAT टीमें, पैरामिलिट्री फोर्सेज, दिल्ली पुलिस स्पेशल यूनिट्स, रूसी स्पेशल सिक्योरिटी ग्रुप, रूसी एडवांस टीम के 50 से अधिक कमांडोज पहले ही दिल्ली पहुंच चुके हैं और उन्होंने रूट, होटल, वेन्यू और सिक्योरिटी प्वाइंट्स की माइक्रो-इंस्पेक्शन की है।

रूसी राष्ट्रपति की पर्सनल सिक्योरिटी 
पुतिन की सुरक्षा दुनिया की सबसे एडवांस मानी जाती है, और भारत में भी उसी प्रोटोकॉल को लागू किया जा रहा है। उनका खाना रूस से ही आएगा, कई सुरक्षा जांचों के बाद ही परोसा जाएगा। पुतिन की टीम के पास पोर्टेबल सिक्योरिटी किट है, जो हमेशा कार व होटल में साथ रहेगी। सबसे अंदरूनी सुरक्षा घेरा मास्को से आए सुरक्षा अधिकारी संभालेंगे।

 टेक्नोलॉजी बेस्ड सिक्योरिटी 
    दिल्ली में सुरक्षा का सारा फोकस हाई-टेक मॉनिटरिंग पर है 
    एंटी-ड्रोन गन्स की तैनाती
    हवा में लगातार उड़ते निगरानी ड्रोन
    हजारों सीसीटीवी कैमरे
    पुतिन के काफिले को ट्रैक करने के लिए फेस रिकग्निशन सिस्टम
    दिल्ली पुलिस कंट्रोल रूम से 24×7 रियल-टाइम कोऑर्डिनेशन
    खुफिया एजेंसियां भी किसी संभावित खतरे की निगरानी में लगातार लगी हुई हैं।

ट्रैफिक और एरिया सैनिटाइजेशन 
दिल्ली पुलिस के टॉप अफसर पूरे रूट को सैनिटाइज कर रहे हैं। पुतिन की मूवमेंट के दौरान कुछ रास्तों पर टेम्परेरी डायवर्जन किया है। आम लोगों का ध्यान रखते हुए पहले से ट्रैफिक एडवाइजरी जारी।  जिस स्थान पर पुतिन रुकेंगे, उसकी लोकेशन सुरक्षा कारणों से गोपनीय  रखी गई है।

दौरे का एजेंडा
    रक्षा,ऊर्जा, स्पेस और S-400 जैसे बड़े सौदे
    भारत–रूस वार्ता में   प्रमुख मुद्दे शामिल होंगे 
    S-400 मिसाइल सिस्टम की नई डील
    Su-57 फाइटर जेट पर बातचीत
    ऊर्जा क्षेत्र में तेल आयात बढ़ाना
    असैन्य परमाणु सहयोग में विस्तार
    स्पेस और ट्रेड पर नई साझेदारी

हाई अलर्ट क्यों? 
यह यात्रा यूक्रेन युद्ध के बाद पुतिन का पहला भारत दौरा है, इसलिए वैश्विक स्तर पर भी यह बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।नवंबर 2025 में दिल्ली में हुए ब्लास्ट के बाद सुरक्षा एजेंसियां पहले से ही हाई अलर्ट पर थीं।पुतिन की यात्रा को देखते हुए एक बार फिर अतिरिक्त प्रोटोकॉल लागू कर दिए गए हैं, ताकि किसी भी तरह की चूक की गुंजाइश न रहे। ोपुतिन का यह दौरा केवल एक राजनयिक यात्रा नहीं, बल्कि भारत-रूस साझेदारी के नए दौर की तैयारी माना जा रहा है।सुरक्षा व्यवस्था पहले से कहीं अधिक कड़ी है और पूरे 30 घंटे तक दिल्ली एक किलाबंद राजधानी की तरह काम करेगी। दोनों देशों की नज़रें अब इस बात पर हैं कि पुतिन की यात्रा में कौन से बड़े रणनीतिक फैसले सामने आते हैं

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button