खेल जगत

रायपुर में टीम इंडिया क्यों फिसली? टॉस से लेकर फील्डिंग तक—हार के 5 बड़े कारण

 रायपुर

साउथ अफ्रीका के खिलाफ 3 दिसंबर (बुधवार) को रायपुर के शहीद वीर नारायण सिंह इंटरनेशनल स्टेडियम में हुए मुकाबले में भारतीय टीम को 4 विकेट से पराजय का सामना करना पड़ा. मुकाबले में भारतीय टीम ने टॉस हारकर पहले बैटिंग करते हुए 5 विकेट पर 358 रन बनाए थे. जवाब में साउथ अफ्रीकी टीम ने 49.2 ओवरों में 6 विकेट पर 362 रन बनाकर मैच जीत लिया.

रायपुर वनडे में जीत के साथ ही साउथ अफ्रीका ने तीन मैचों की सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली. सीरीज का आखिरी मुकाबला 6 दिसंबर को विशाखापत्तनम में खेला जाना है. रायपुर वनडे में भारतीय टीम के पास जीत हासिल करने का गोल्डन चांस था, लेकिन कुछ ऐसी वजहें रहीं, जिसने मैच को सााउथ अफ्रीका की ओर मोड़ दिया.

भारतीय टीम की फील्डिंग कुछ खास नहीं रही. यशस्वी जायसवाल ने एडेन मार्करम का कैच उस समय टपका दिया, जब वो 53 रन पर खेल रहे थे. मार्करम ने इस मैच में 110 रन बनाए. रवींद्र जडेजा वैसे तो चपल फील्डर माने जाते हैं, लेकिन 2 मौके ऐसे आए, जब उन्होंने चूक की और विपक्षी टीम को 4-4 रन मिले. भारतीय फील्डर्स ने और भी कुछ मौके गंवाए, जिसने साउथ अफ्रीकी टीम का काम आसान कर दिया.

♦ भारतीय टीम की गेंदबाजी तो काफी साधारण रही. प्रसिद्ध कृष्णा ने 2 विकेट तो लिए, लेकिन इसके लिए उन्होंने 85 रन खर्च कर दिए. तेज गेंदबाज हर्षित राणा और स्पिनर कुलदीप यादव भी काफी महंगे साबित हुए. हर्षित ने 70 और कुलदीप ने 78 रन लुटाए. रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर ने 11 ओवरों की गेंदबाजी में 69 रन खर्च किए, मगर कोई विकेट नहीं मिला. अर्शदीप सिंह जरूर असरदार साबित हुए और 54 रन देकर दो विकेट झटके, हाालंकि ये जीत दिलाने के लिए काफी नहीं थे.

♦ मुकाबले में भारतीय टीम टॉस नहीं जीत पाई, जो एक निगेटिव प्वाइंट रहा. टॉस हारने के चलते भारतीय टीम को पहले बल्लेबाजी करने पड़ी. भारत ने अच्छा स्कोर बनाया, लेकिन मैच की दूसरी पारी में ओस के चलते रनचेज आसान हो गया था. गेंद काफी गीली हो जा रही थी, ऐसे में गेंदबाजी आसान नहीं रही. वैसे भी आजकल टॉस के साथ भारतीय टीम की किस्मत खोटी चल रही है. भारतीय टीम वनडे क्रिकेट में लगातार 20 मैचों में टॉस गंवा चुकी है, जो चौंकाने वाला आंकड़ा है.

♦ भारतीय टीम का स्कोर 40 ओवरों के बाद चार विकेट के नुकसान पर 284 रन था. यहां से भारतीय टीम कम से कम 375 रनों के स्कोर तक तो पहुंच ही सकती थी. लेकिन साउथ अफ्रीकी गेंदबाजों ने आखिरी 10 ओवरों में अच्छी गेंदबाजी की, जिसके चलते भारतीय टीम इस दौरान 74 रन ही बटोर सकी. भारतीय टीम ने 20-30 रन और ज्यादा बनाए होते, तो मैच का नतीजा कुछ और होता.

♦ एडेन मार्करम ने साउथ अफ्रीका के लिए जरूर इस मुकाबले में शतक लगाया, लेकिन मेहमान टीम के लिए सबसे कारगर इनिंग्स खेली डेवाल्ड ब्रेविस ने. ब्रेविसन ने 5 छक्के और एक चौके की मदद से 34 बॉल पर 54 रन बनाए. ब्रेविस का विकेट यदि भारतीय टीम जल्द चटका लेती तो मुकाबला उसके पक्ष में जा सकता था.

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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